कॉलेज छात्रा से दुष्‍कर्म कर अश्‍लील वीडियो किया वायरल, कोर्ट ने सुनाई अब यह सजा Kangra News

खुद को दिल्ली पुलिस का एसआइ बताकर कॉलेज छात्रा से दुष्कर्म करने व अश्लील वीडियो वायरल करने के दोषी को न्यायालय ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Sun, 03 Nov 2019 12:01 PM (IST) Updated:Sun, 03 Nov 2019 12:01 PM (IST)
कॉलेज छात्रा से दुष्‍कर्म कर अश्‍लील वीडियो किया वायरल, कोर्ट ने सुनाई अब यह सजा Kangra News
कॉलेज छात्रा से दुष्‍कर्म कर अश्‍लील वीडियो किया वायरल, कोर्ट ने सुनाई अब यह सजा Kangra News

धर्मशाला, जेएनएन। खुद को दिल्ली पुलिस का एसआइ बताकर कॉलेज छात्रा से दुष्कर्म करने व अश्लील वीडियो वायरल करने के दोषी को न्यायालय ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दो लाख पांच हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि इस बाबत पीडि़ता ने 24 नवंबर, 2016 को पालमपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। पीडि़ता के अनुसार, जब भी वह कॉलेज जाती थी तो आशीष कुमार निवासी गंघण मरेरा जयसिंहपुर उसका पीछा करता था।

शिकायत के अनुसार, दोषी ने बाद में सहेली के माध्यम से छात्रा से बात की। दोषी ने छात्रा को बताया कि था कि वह दिल्ली पुलिस में एसआइ है और पिछले कुछ समय से छुट्टी पर आया है। इसके बाद दोषी व छात्रा में दोस्ती हो गई। एक दिन आशीष ने छात्रा को फोन कर पालमपुर बुलाया। जब छात्रा पालमपुर पहुंची तो दोषी ने कहा कि वह उसके साथ अपने जीवन के बारे में महत्वपूर्ण बात करना चाहता है और उसे शहर के एक होटल में ले गया। होटल में पहुंचकर आशीष ने छात्रा को पानी में कुछ मिलाकर पिला दिया और वह बेहोश हो गई।

बेहोशी की हालत में दोषी ने युवती से दुष्कर्म किया और इसकी वीडियो भी बनाई। वीडियो बनाने के बाद आशीष छात्रा को ब्लैकमेल करने लगा कि अगर उसने 20 हजार रुपये नहीं दिए तो वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। पैसे न देने पर दोषी ने वीडियो वायरल कर दी। पीडि़ता की शिकायत के बाद पुलिस ने आशीष को गिरफ्तार किया और पूछताछ में पता चला कि वह दिल्ली पुलिस में एसआइ भी नहीं था। पुलिस जांच के बाद अतिरिक्त सत्र एवं अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-3 रणजीत सिंह ठाकुर की अदालत में पहुंचे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी जिला उपन्यायवादी एनएल शर्मा ने की।

अभियोजन पक्ष की ओर न्यायालय में 17 गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायाधीश रणजीत सिंह ठाकुर ने दोषी को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दो लाख पांच हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को दो साल का अतिरिक्त कारावास काटना होगा।

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