हिमाचल के विद्यार्थी पाएंगे नीट और जेईई की मुफ्त कोचिंग, राज्‍यपाल ने लांच की स्‍वर्ण जयंती अनुशि‍क्षण योजना

Himachal School Students हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को प्रदेश सरकार नीट और जेईई की मुफ्त कोचिंग देगी। कक्षा नौवीं से 12वीं तक के हर विद्यार्थी के लिए यह कोचिंग दी जाएगी। शिक्षक दिवस के मौके पर राज्यपाल ने इस योजना का शुभारंभ किया।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 11:57 AM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 03:23 PM (IST)
हिमाचल के विद्यार्थी पाएंगे नीट और जेईई की मुफ्त कोचिंग, राज्‍यपाल ने लांच की स्‍वर्ण जयंती अनुशि‍क्षण योजना
शिक्षक दिवस अध्‍यापक सम्‍मान कार्यक्रम के दौरान राज्‍यपाल ने स्‍वर्ण जयंती अनुशि‍क्षण योजना लांच की।

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal School Students, हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को प्रदेश सरकार नीट और जेईई की मुफ्त कोचिंग देगी। कक्षा नौवीं से 12वीं तक के हर विद्यार्थी के लिए यह कोचिंग दी जाएगी। शिक्षक दिवस के मौके पर राज्यपाल ने इस योजना का शुभारंभ किया। इस योजना को स्वर्ण जयंती अनुशिक्षण योजना नाम दिया गया है। यह योजना दो चरणों में चलेगी। शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के लिए तैयार किए गए कार्यक्रम हर घर पाठशाला के माध्यम से ही कोचिंग दी जाएगी। शनिवार और रविवार हफ्ते में दो दिन इस ट्रेनिंग में भाग लेना हर छात्र के लिए अनिवार्य होगा। शिक्षा विभाग का स्टेट रिसोर्स ग्रुप इसके लिए वीडियो लेसन तैयार करेगा। इसके लिए गैर सरकारी संस्था की भी मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी।

ऐसे चलेगी कोचिंग

विभाग के मुताबिक कक्षा 9-11वीं तक के हर छात्र के लिए नीट और जेईई की कोचिंग अनिवार्य होगी। इसमें उन्हें बेसिक चीजों के बारे में बताया जाएगा। पहले चरण में विज्ञान और गणित की कोचिंग दी जाएगी। नीट में किस तरह के प्रश्न आते हैं, जेईई का पेपर कैसा होता है। इसकी तैयारी के लिए कौन कौन सी किताबें पढ़नी चाहिएं, इसमें सिलेबस कैसा होता है इत्यादि की जानकारी दी जाएगी। 11वीं पास करने के बाद जब बच्चे जमा दो में पहुंच जाएंगे तब उनका टेस्ट लिया जाएगा। इस टेस्ट को उत्‍तीर्ण करने वाले 10 फीसद छात्रों का चयन फाइनल कोचिंग के लिए किया जाएगा, इसमें छात्रों की रुचि भी देखी जाएगी कि क्या वह 12वीं पास करने के बाद मैडिकल और इंजीनियरिंग की फील्ड में जाना चाहते हैं या नहीं। स्कूल शिक्षकों की भूमिका भी इसमें अहम होगी। बच्चों के सवालों के जवाब उन्हें ही देने होंगे। विभाग ने शिक्षकों को कहा है कि वह भी इन विषयों को लेकर पूरी तरह अपडेट रहें।

पांच करोड़ होंगे खर्च

राज्य सरकार इस योजना पर पांच करोड़ रुपये खर्च करेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। इसके लिए विभाग के पास पर्याप्त बजट भी है। ऐसे में कोई दिक्कत नहीं आएगी। विभाग इससे पहले गणित लैब और अंग्रेजी भाषा में दक्षता के लिए उनका कम्यूनिकेशन स्किल भी सुधारेगा। अभी तक

शिक्षा विभाग ने अभी तक मेधावी छात्रों के लिए मेधा प्रोत्साहन योजना आरंभ की है। इसके तहत प्रदेश के ऐसे मेधावी बच्चे जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रदेश से बाहर कोचिंग लेना चाहते हैं उनके लिए एक लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह 16 तरह की कोचिंग के लिए बजट दिया जाता है।

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