जन्‍नत से कम नहीं है हिमाचल और जम्‍मू की सीमा पर यह खूबसूरत पर्यटन स्‍थल, पलभर में मिट जाती है सफर की थकान

Chamba Padhari Jot जिला चंबा का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पधरी जोत भी इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पधरी जोत की समुद्र तल से ऊंचाई करीब 9963 फीट है। जहां से जम्मू कश्मीर का भद्रवाह शहर दिखता है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sun, 22 May 2022 06:19 AM (IST) Updated:Sun, 22 May 2022 12:10 PM (IST)
जन्‍नत से कम नहीं है हिमाचल और जम्‍मू की सीमा पर यह खूबसूरत पर्यटन स्‍थल, पलभर में मिट जाती है सफर की थकान
जिला चंबा का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पधरी जोत

सलूणी, विक्रांत ठाकुर। Chamba Padhari Jot, जैसे-जैसे गर्मी का मौसम अपने चरम पर पहुंच रहा है। मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों के पसीने छूट रहे हैं। ऐसे में तपती गर्मी से राहत पाने के लिए लोग पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश का रुख कर रहे हैं। जिला चंबा का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पधरी जोत भी इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पधरी जोत की समुद्र तल से ऊंचाई करीब 9963 फीट है। जहां से जम्मू कश्मीर का भद्रवाह शहर दिखता है। यहां की ऊंची पहाड़ियों पर अप्रैल से मई माह तक ग्लेश्यिरों में बर्फ देखने को मिलती है। यह स्थान हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा व जम्मू-कश्मीर की सीमा पर है। हरी-भरी वादियां व गगनचुंबी देवदार के पेड़ों के बीच चलती ठंडी-हवाएं यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को चंद सेकेंड में ही तरोताजा करने के लिए काफी हैं।

यहां पर यूं तो हर दिन पर्यटक पहुंचते हैं। लेकिन, वीकेंड पर पर्यटकों की आमद आम दिनों के मुकाबले काफी बढ़ जाती है। यहां तक पहुंचने वालों में जिला चंबा के लोगों के अलावा हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू सहित अन्य राज्यों से पर्यटक पहुंच रहे हैं।

पधरी जोत में पर्यटकों के लिए खाने-पीने की भी पूरी सुविधा उपलब्‍ध है। यहां ढाबे व रेस्‍टोरेंट हैं। यदि पर्यटक यहां पर कुछ समय बीताना चाहते हैं तो वे अपने साथ टेंट लेकर आ सकते हैं। वहीं, लंगेरा में लोक निर्माण विभाग का विश्राम गृह, संघणी में होमस्टे व विश्राम गृह की सुविधा है। इसके अलावा सलूणी मुख्यालय में पर्यटकों के ठहरने के लिए होटल, होमस्टे तथा विश्राम गृह की सुविधा है।

ऐसे पहुंचें पधरी जोत

पधरी जोत तक पहुंचने के लिए पर्यटक पठानकोट से वाया बनीखेत व उपमंडल मुख्यालय सलूणी होते हुए पहुंच सकते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए पर्यटक लंगेरा तक बस के माध्यम से पहुंच सकते हैं, जहां से आगे करीब 18 किलोमीटर टैक्सी या निजी वाहन के माध्यम से जाना पड़ता है। पठानकोट से पधरी जोत की दूरी करीब 186 किलोमीटर है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह से होते हुए भी पधरी जोत पहुंचा जा सकता है। सलूणी मुख्यालय से पधरी जोत की दूरी करीब 50 किलोमीटर है।

यह भी है खास

पठानकोट से पधरी जोत तक पहुंचने के बीच पर्यटक विश्व विख्यात पर्यटन नगरी जोत व खजियार की वादियों का भी लुत्फ उठा सकते हैं। इसके बाद पर्यटक बनीखेत से होते हुए चमेरा डैम में पहुंच सकते हैं। जहां पर उनके मनोरंजन के लिए बोटिंग का प्रबंध है। यहां पर बोटिंग करने के लिए पर्यटकों की खासी भीड़ रहती है। इसके बाद सलूणी मुख्यालय में पहुंचकर पर्यटक करीब डेढ़ सौ साल पुराने ऐतिहासिक नाग मंदिर में माथा टेकने के साथ ही इसके इतिहास के बारे में जानते हैं। सलूणी से फिर सीधा पधरी जोत के लिए मार्ग जाता है। सलूणी व पधरी जोत के बीच वाइल्ड लाइफ सेंक्‍चुरी भांदल पड़ती है। जहां पर भालू, तेंदुआ, जंगली बकरी, जंगली पक्षियों का भी दीदार होता है।

chat bot
आपका साथी