हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों का हो रहा तीव्र विकास, प्रदेश सरकार इन योजनाओं के तहत कर रही कार्य

Himachal Tribal Area हिमाचल प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के समान एवं संतुलित विकास सुनिश्चित कर रही है। जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार ने कई पहल की हैं। इसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों का तेजी के साथ विकास हो रहा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 06:22 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 07:37 AM (IST)
हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों का हो रहा तीव्र विकास, प्रदेश सरकार इन योजनाओं के तहत कर रही कार्य
हिमाचल प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के समान एवं संतुलित विकास सुनिश्चित कर रही है।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Tribal Area, हिमाचल प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के समान एवं संतुलित विकास सुनिश्चित कर रही है। जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार ने कई पहल की हैं। इसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों का तेजी के साथ विकास हो रहा है। प्रदेश में जनजातीय समुदाय की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 5.71 फीसद है और इस समुदाय के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत कुल राज्य योजना राशि का 9 फीसद भाग चिन्हांकित है। जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम का आकार वर्ष 2018-19 में 567 करोड़ रुपये, वर्ष 2019-20 में 639 करोड़ रुपये जबकि वर्ष 2020-21 में 711 करोड़ रुपये किया गया। वर्ष 2021-22 के लिए सरकार ने 846.49 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

सीमा क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में 25.95 करोड़ रुपये केन्द्रीय हिस्से व 2.88 करोड़ रुपये राज्य के हिस्से के रूप में, 2019-20 में 27.50 करोड़ रुपये केन्द्रीय व 3.05 करोड़ रुपये राज्य की हिस्सेदारी के रूप में प्रदान किये गए। वर्ष 2021-22 के लिए 25 करोड़ रुपये केन्द्रीय हिस्से और 2.78 करोड़ रुपये का राज्य के अंश के रूप में प्रावधान किया गया है।

इस मद पर कितना खर्च

जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत परिवहन, सड़कों एवं पुलों और भवन निर्माण पर वर्ष 2018-19 के दौरान 127.69 करोड़ रुपये, 2019-20 में 147.33 करोड़ रुपये, 2020-21 के दौरान 195.90 करोड़ रुपये खर्च किए गए जबकि वर्ष 2021-22 के लिए 244.06 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।

20 सूत्रीय कार्यक्रम

2006 के प्रावधानों के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में निर्धारित 7095 लक्ष्यों के विरुद्ध 8669 जबकि वर्ष 2020-21 के लिए निर्धारित 6829 लक्ष्यों के मुकाबले 7509 लक्ष्यों की प्राप्ति हुई। वर्ष 2018-19 के दौरान जनजातीय क्षेत्र पांगी व भरमौर में टैलीमेडिसन की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया जिसके अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में 200 लाख रुपये, 2019-20 में 174 लाख रुपये और 2020-21 में 193 लाख रुपये का प्रावधान किया गया। वर्ष 2021-22 में 84 लाख रुपये प्रस्तावित किए जा रहे हैं।

कितना आया केंद्र से

केंद्र सरकार ने 2018-19 के दौरान तीन नए एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल भरमौर, पांगी ओर लाहौल में खोलने की स्वीकृति प्रदान की, जिन्हें शैक्षणिक सत्र 2019-20 से आरम्भ कर किया दिया है। केंद्र सरकार से इन आवासीय विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए अब तक 32 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है। वर्तमान में प्रदेश में चार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कार्यशील हैं जिनमें 554 अनुसूचित जनजातीय छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं।

chat bot
आपका साथी