दिल्ली की आबोहवा देख अलर्ट हुई हिमाचल सरकार, पराली समेत सभी कृषि अवशेष जलाने पर लगाई रोक
दिल्ली में वायु प्रदूषण बढऩे के बाद हिमाचल प्रदेश की आबोहवा को दूषित होने से बचाने के लिए कृषि व बागवानी के अवशेष जलाने पर रोक लगा दी गई है।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। दिल्ली में वायु प्रदूषण बढऩे के बाद हिमाचल प्रदेश की आबोहवा को दूषित होने से बचाने के लिए कृषि व बागवानी के अवशेष जलाने पर रोक लगा दी गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ कृषि व बागवानी विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश में कृषि व बागवानी अवशेष और कूड़ा-कचरा जलाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कृषि व बागवानी के अवशेषों जैसे धान की पराली, मक्की की फसल के बचे अवशेष या सब्जियों व पेड़ों की कांट-छांट के बाद बची टहनियों को खुले में जलाने पर रोक लगा दी गई है।
इन दिनों दिल्ली व उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ा है। इसलिए हिमाचल में वायु को दूषित होने से बचाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। हिमाचल में 9.60 लाख परिवार कृषि व बागवानी व्यवसाय से जुड़े हैं। सर्दियां आते ही खेतों को खाली करने के साथ उनमें बचे फसलों के अवशेषों को भी जलाया जाता है। अब निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे अवशेषों को जलाने की अपेक्षा उन्हें दबाकर खाद के लिए इस्तेमाल किया जाए। निर्देशों का पालन करने के लिए कमेटियों का गठन भी किया गया है। इन कमेटियों में स्थानीय कृषि और बागवानी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्थानीय अधिकारियों को जांच कर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
जागरूक किए जा रहे किसान व बागवान
कृषि व बागवानी के अवशेषों को खुले में जलाने पर रोक के लिए निरीक्षण का जिम्मा स्थानीय स्तर पर सौंपा गया है। किसानों व बागवानों को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है। -आरके कौंडल, निदेशक, कृषि विभाग।
हिमाचल में नहीं पराली जलाने का असर
पंजाब व हरियाणा के साथ लगते हिमाचल के क्षेत्रों में पराली जलाने का कोई असर नहीं है। हवा का रुख दिल्ली की तरफ होने के कारण वहां वायु प्रदूषण बढ़ा है। इसका हिमाचल में कहीं पर कोई असर नहीं है। -आदित्य नेगी, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।