निदेशक की पत्नी बोली, विजिलेंस ने नहीं रखा शारीरिक दूरी का ख्याल; कार्रवाई पर उठाए सवाल

निलंबित स्वास्थ्य निदेशक की पत्नी डॉ. मधुर बाला गुप्ता ने आरोप लगाया है कि विजिलेंस ने दबिश के दौरान कोरोना काल में शारीरिक दूरी के नियमों का कोई ख्याल नहीं रखा

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 07:42 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 07:42 PM (IST)
निदेशक की पत्नी बोली, विजिलेंस ने नहीं रखा शारीरिक दूरी का ख्याल; कार्रवाई पर उठाए सवाल
निदेशक की पत्नी बोली, विजिलेंस ने नहीं रखा शारीरिक दूरी का ख्याल; कार्रवाई पर उठाए सवाल

शिमला, जेएनएन। कथित भ्रष्टाचार से जुड़े ऑडियो मामले में निलंबित स्वास्थ्य निदेशक की पत्नी डॉ. मधुर बाला गुप्ता ने आरोप लगाया है कि विजिलेंस ने दबिश के दौरान कोरोना काल में शारीरिक दूरी के नियमों का कोई ख्याल नहीं रखा और शिमला स्थित घर में रखे सामान को हर कहीं बिखेर दिया। उन्हें गिरफ्तारी की सूचना रात को नहीं दी गई। उन्होंने दावा जताया कि अारोपित अजय गुप्ता बेकसूर हैं और उनके किसी भी नेता से किसी प्रकार के नजदीक के संबंध नहीं रहे हैं।

उन्होंने जांच एजेंसी पर बिना पुख्ता सुबूताें के बेवजह तंग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गुप्ता डायबीटिज के रोगी हैं। लेेकिन आईजीएमसी में विजिलेंस घर का भोजन देने की अनुमति नहीं दे रही है। जबकि अस्पताल में सही भोजन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर उनके पति को कुछ हो गया तो इसके लिए कौन जिम्मेवार होगा?

डॉ. मधुरबाला के अनुसार उन्हें पति से मिलने नहीं दिया जा रहा है। अगर मुलाकात होती भी है तो दो मिनट के बाद अस्पाल से बाहर भेज दिया जाता है। अभी तो यह भी तय नहीं है कि ऑडियो में कैद आवाज डॉ. साहब की है या नहीं। उनके खिलाफ षडयंत्र किसने रचा? वह यह नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी खरीद निदेशक अपने स्तर पर नहीं करते हैं, इसमें कई अधिकारी शामिल रहते हैं, पर मेरे पति को जानबूझकर निशाना बनाया गया।

स्वास्थ्य निदेशालय के कर्मचारियों से पूछताछ

विजिलेंस से स्वास्थ्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की है। आईजीएमसी अस्पताल से आरोपित ने जिस- जिस को फोन किए, अब वे सब जांच के दयरे में आ गए हैं। सूत्रों के बताया कि निदेशक रहते हुए उनके कर्मचारियों के साथ कभी बेहतर संबंध नहीं रहे। अनेकों बार आपसी रिश्तों में खटास आई। हालांकि अब कोई भी कर्मचारी इस बारे में खुलकर बताने को तैयार नहीं है, क्योंकि कई ऑडियो मामले को वायरल करने को लेकर जांच से गुजर रहे  हैं। इसी संबंध में सीअाइडी का एक कर्मचारी भी जांच से गुजर चुका है।

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