कोरोना काल में मार्च से बंद सरकारी स्कूलों ने बच्चों से मांग ली कंप्यूटर फीस, अभिभावकों ने जताई आपत्ति

Govt School Demand Fees कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को मार्च से बंद कर दिया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 09:43 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 09:43 AM (IST)
कोरोना काल में मार्च से बंद सरकारी स्कूलों ने बच्चों से मांग ली कंप्यूटर फीस, अभिभावकों ने जताई आपत्ति
कोरोना काल में मार्च से बंद सरकारी स्कूलों ने बच्चों से मांग ली कंप्यूटर फीस, अभिभावकों ने जताई आपत्ति

शिमला, जेएनएन। कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों को मार्च से बंद कर दिया है। सरकारी स्कूलों ने कंप्यूटर विषय पढऩे वाले बच्चों से पांच माह की आइटी फीस जमा करवाने के निर्देश जारी किए हैं। 110 रुपये महीने के हिसाब से यह फीस जमा करवानी होगी। अभिभावकों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई। अभिभावकों ने कहा कि एक तरफ तो शिक्षा विभाग निजी स्कूलों को फीस न वसूलने के आदेश जारी कर रहा है तो दूसरी तरफ खुद ही नियमों की अवहेलना कर कंप्यूटर फीस जमा करवाने के आदेश जारी कर रहा है। शिक्षा विभाग का कहना है कि फीस माफ करने संबंधित आदेश वो अपने स्तर पर नहीं ले सकता। सरकार इस पर निर्णय ले सकती है। पीजीटी आइपी संघ ने भी इसका विरोध किया है।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम, महासचिव रंजीत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रजनीश कुमार, उपाध्यक्ष अविनाश भलारिआ, अरुण नारता, वित्त सचिव अनुराग ठाकुर, सह सचिव अशोक कुमार, अजय पटियाल, इन्द्र ङ्क्षसह ठाकुर, प्रेस सचिव रीना ने सरकार से मांग की है कि यह फीस समाप्त की जाए। ऐसे समय में जहां कई लोगों की आय के साधन सीमित हो गए है। ऐसे में कंप्यूटर फीस को माफ किया जाना चाहिए।

सरकारी स्कूलों में अधिकतर गरीब कामगारों के बच्चे ही पढ़ते हैं और वे  कंप्यूटर शिक्षा ग्रहण करना तो चाहते हैं लेकिन फीस देने में असमर्थ हैं। स्कूल बंद होने की स्थिति में ऑनलाइन के माध्यम से पढाई की जा रही है, जिससे कंप्यूटर शिक्षा के महत्व को आसानी से समझा जा सकता है। फीस न दे पाने की वजह से बच्चे कंप्यूटर विषय को छोडऩे पर मजबूर हो रहे हैं। संघ ने शिक्षा मंत्री से मामले में हस्तक्षेप कर फीस माफ करने की गुहार लगाई है।

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