नयनादेवी में नियम न मानने वाले पांच हजार श्रद्धालु लौटाए, हंगामा

बिलासपुर जिले में स्थित नयनादेवी मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु बिना रिपोर्ट और सर्टिफिकेट के पहुंच गए। पंजाब-हिमाचल की सीमा पर स्थित टोबा से करीब पांच हजार श्रद्धालुओं को लौटाया गया। श्रद्धालुओं ने हंगामा किया पर नियमों का पालन न करने वालों प्रवेश की अनुमति नहीं मिली।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Mon, 09 Aug 2021 07:56 PM (IST) Updated:Mon, 09 Aug 2021 07:56 PM (IST)
नयनादेवी में नियम न मानने वाले पांच हजार श्रद्धालु लौटाए, हंगामा
बिलासपुर के टोबा स्थित हिमाचल-पंजाब सीमा पर हंगामना करते श्रद्धालुओं को समझाते अधिकारी। जागरण

नयना देवी (बिलासपुर), जागरण संवाददाता। प्रदेश सरकार ने प्रदेश में प्रवेश के लिए आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट या कोरोना वैक्सीन की डबल डोज लगी होने का सर्टिफिकेट साथ लाने की शर्त रखी है। सोमवार को शुरू हुए श्रावण अष्टमी नवरात्र के दौरान बिलासपुर जिले में स्थित नयनादेवी मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालु बिना रिपोर्ट और सर्टिफिकेट के पहुंच गए। पंजाब-हिमाचल की सीमा पर स्थित टोबा से करीब पांच हजार श्रद्धालुओं को लौटाया गया। श्रद्धालुओं ने हंगामा किया पर नियमों का पालन न करने वालों प्रवेश की अनुमति नहीं मिली।

सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं के पास के कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट भी नहीं था और न ही उनके पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट थी। भीड़ अधिक बढ़ी तो वह बेकाबू होने लगी, लेकिन जिला प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंच गए। पंजाब पुलिस व प्रशासन को भी इस समस्या के निवारण के लिए शामिल किया गया। दर्शनों के लिए निकले श्रद्धालुओं को जब रोका गया तो उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी शुरू कर दी, लेकिन पुलिस बल के आगे उनकी एक न चली। उन्हें हिमाचल प्रदेश में प्रवेश नहीं दिया गया और करीब पांच हजार श्रद्धालुओं को बिना दर्शन ही वापस लौटना पड़ा ।

कोलांवाला व टोबा में जमा हुई भीड़ सोमवार दोपहर के समय ऐसे लोगों की भीड़ अचानक बढ़ गई जिनके पास कोरोना से संबंधित दस्तावेज नहीं थे। ऐसे लोगों ने प्रदेश प्रशासन के पास गुहार लगााई, लेकिन उनकी एक न चली। यहां हिमाचल प्रदेश पुलिस व प्रशासन ने रिपोर्ट चेङ्क्षकग के लिए नाका लगाया हुआ है। पंजाब से आए लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो वह भड़क गए। उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अंदर आने की जिद करने लगे। किसी तरह भीड़ को समझाकर वापस भेजा गया।

दिव्यांग व बुजुर्गों को दी राहत

उपायुक्त पंकज राय ने भी सीमा पर सर्टिफिकेट या रिपोर्ट चेक की। दिव्यांग, बुजुर्ग, महिला व बच्चों को राहत पहुंचाने के लिए रोपड़ के उपायुक्त के साथ बैठक कर उनका रैपिड एंटिजन टेस्ट करवाकर प्रवेश देने का निर्णय लिया गया। जिन श्रद्धालुओं की रिपोर्ट नेगेटिव आई उन्हें प्रवेश की अनुमति दे दी गई। उपायुक्त बिलासपुर ने कहा कि श्रावण अष्टमी के दूसरे नवरात्र से पहले की तरह 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट या कोविड वैक्सीन की दोनों डोज का सर्टिफिकट लाने वाले श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जाएगा।

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