धर्मशाला में प्रदेश की दूसरी राजधानी पर प्रेम कुमार धूमल ने दी यह प्रतिक्रिया, पढ़ें पूरी खबर

Ex Chief Minister PK Dhumal धर्मशाला में प्रदेश की दूसरी राजधानी पर प्रेम कुमार धूमल ने दी प्रतिक्रिया दी है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 04:21 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 08:22 AM (IST)
धर्मशाला में प्रदेश की दूसरी राजधानी पर प्रेम कुमार धूमल ने दी यह प्रतिक्रिया, पढ़ें पूरी खबर
धर्मशाला में प्रदेश की दूसरी राजधानी पर प्रेम कुमार धूमल ने दी यह प्रतिक्रिया, पढ़ें पूरी खबर

धर्मशाला, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि हर पार्टी का अपना दृष्टिकोण होता है, लेकिन भाजपा ने हमेशा ही क्रियात्मक ढंग से कार्य प्रदेश में किया है। चुनावों के समय में कांग्रेस को दूसरी राजधानी धर्मशाला की याद आती है। भाजपा ने भी धर्मशाला के विकास को हमेशा तरजीह दी है, यहां पर दो सचिवालय भाजपा सरकार की ही देन है। धर्मशाला में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि भाजपा जो कहती है वह करती भी है।

उन्होने कहा कि कांग्रेस बतौर दूसरी राजधानी धर्मशाला के कर्मचारियों को राजधानी भत्ता देेने की बात कर रही है, लेकिन पहले वह यह तो बताए कि जब प्रदेश के कर्मचारी कांग्रेस सरकार से पांच प्रतिशत अंतरिम राहत भत्ता मांग रहे थे तो वह कांग्रेस सरकार नहीं दे पाई, जबकि भाजपा ने इसे देने में देर नहीं लगाई थी। उन्होंने कांग्रेस से यह प्रश्न भी उठाया कि उसने कौन सा वेतन आयोग कर्मचारी हित में लागू किया है। कांग्रेस को तथ्यों पर आधारित चीजों पर आरोप लगाने चाहिएं। उन्होंने कहा कांग्रेस मुद्दा विहीन पार्टी है और हमेशा झूठ का सहारा लेकर लोगों को भी गुमराह करती है।

उपचुनाव में टिकट को लेकर नेताओं की नाराजगी के प्रश्न पर उन्होंने कहा पार्टी में कई लोग टिकट के चाहवान होते हैं, लेकिन टिकट तो एक को ही मिलती है, जिसमें पार्टी का निर्णय ही सर्वोपरि भी होता है। इससे पूर्व प्रेम कुमार धूमल ने बड़ोई व सकोह में जनसभाओं को संबोधित किया। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती, सांसद किशन कपूर, स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार, राकेश शर्मा व संजय शर्मा मौजूद रहे।

नहीं कोई सुझाव... सवालों का सरकार ही देगी जबाव

सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल को पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अच्छा बताया। सरकार को किसी सुझाव के प्रश्न पर उनका कहना यह भी रहा कि अगर कोई सुझाव होगा तो वह सार्वजनिक नहीं, बल्कि सरकार के साथ होगा। प्रदेश में भाजपा सरकार के लगभग दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान उसकी कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल पर भी वह कन्नी काटते रहे। जबाव यह भी रहा कि यह सरकार के दायरे के तहत आने वाले प्रश्न हैं और उनका जबाव भी सरकार के मुखिया ही देंगे। प्रश्न धर्मशाला के सचिवालय में किसी भी मंत्री के ना बैठने, इन्वेस्टर मीट में सरकारी कंपनियों के साथ ही पुराने एमयोयू साइन करने व सरकार द्वारा शीतकालीन परम्परा को ना निभाने को लेकर धूमल से रहा।

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