पुरानी पेंशन बहाल न होने पर लोकसभा चुनाव में अपने उम्‍मीदवार उतारेंगे कर्मचारी

यदि सरकार ने जल्द पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल नहीं किया तो आगामी लोकसभा चुनाव में कर्मचारी सभी चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारेगी

By Munish DixitEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 01:08 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 01:08 PM (IST)
पुरानी पेंशन बहाल न होने पर लोकसभा चुनाव में अपने उम्‍मीदवार उतारेंगे कर्मचारी
पुरानी पेंशन बहाल न होने पर लोकसभा चुनाव में अपने उम्‍मीदवार उतारेंगे कर्मचारी

जेएनएन, धर्मशाला। प्रदेश के कर्मचारियों की पेंशन सुविधा को बंद कर सरकार ने कर्मचारियों के हितों के साथ खिलवाड़ किया है  और इसी का नतीजा है कि कर्मचारियों को अपनी पेंशन बहाली के लिए सरकार को घेरना पड़ रहा है। शुक्रवार को प्रदेश भर से तपोवन स्थित जोरावर स्टेडियम में एकत्र हुए सेवानिवृत्त कर्मचारियों व वर्तमान में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ  अपना मोर्चा खोल दिया है।

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों व वर्तमान में सरकारी विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों ने सभा स्थल पर कहा कि प्रदेश सरकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों व वर्तमान में काम कर रहे कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को जल्‍द बहाल करे। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ एक नारा भी दिया जो पुरानी पेंशन बहाल करेगा वही देश पर राज करेगा। कर्मचारी नेताओं का कहना था कि उनकी सरकार के साथ बातचीत चल रही है और मुख्यमंत्री ने उन्हें मिलने का समय भी दिया है।

इस मौके पर न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ संजीव गुलेरिया, महासचिव भरत शर्मा, जिला कांगड़ा अध्यक्ष राजेंद्र मिन्हास ने कहा कि जब सरकार अपने नम आंखों के लिए पेंशन स्कीम लागू कर सकती है तो तो प्रदेश के हजारों कर्मचारी जिन्होंने कई सालों तक सरकार के विभागों में अपनी सेवाएं कड़ी मेहनत व लगन के साथ की है तो उनकी पेंशन बहाल क्यों नहीं की जाती।

डॉक्टर संजीव गुलेरिया ने कहा कि यदि सरकार ने जल्द पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल नहीं किया तो आगामी लोकसभा चुनाव में कर्मचारी सभी चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारेगी और उसी को वोट करेगी उन्होंने कहा कि जहां पहले लोग चुनाव में नोटा का इस्तेमाल करते थे इन लोकसभा चुनाव में प्रदेश के लोगों से नोटा के इस्तेमाल की बजाय कर्मचारी उम्मीदवारों को वोट डालने की अपील कर्मचारियों से की जाएगी ताकि प्रदेश सरकार को कर्मचारियों की ताकत का एहसास हो सके।

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