पैतृक गांव में जयंती न मनाने से रोष

संवाद सूत्र, हरिपुर : प्रसिद्ध साहित्यकार चंद्रधर शर्मा गुलेरी जयंती को विशेष साहित्य दिवस के रूप मे

By Edited By: Publish:Sun, 05 Jul 2015 10:34 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2015 10:34 PM (IST)
पैतृक गांव में जयंती न मनाने से रोष

संवाद सूत्र, हरिपुर : प्रसिद्ध साहित्यकार चंद्रधर शर्मा गुलेरी जयंती को विशेष साहित्य दिवस के रूप में मनाने की मांग उठनी शुरू हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि चंद्रधर शर्मा गुलेरी के जन्मदिवस को हरिपुर गुलेर में ही एक विशेष राज्यस्तरीय साहित्य कार्यक्रम के रूप में मनाया जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी का संबंध गुलेर से है। लेकिन उनकी 132वीं जयंती पर सात जुलाई को जिला बिलासपुर में राज्यस्तरीय कार्यक्रम होने जा रहा है। वहीं, गुलेरी जयंती पर उनके पैतृक गाव गुलेर में साहित्यिक गतिविधियों से बहुत दूर सन्नाटा सा पसरा होगा। स्थानीय बुद्धिजीवियों का कहना है कि साहित्यिक महारत्न की चमक को देहरा एवं हरिपुर गुलेर की युवा धड़कनों के जरिये कार्यक्रम रखकर चंद्रधर शर्मा गुलेरी को अमर रखने की कवायत उनके प्रदेश के किसी अन्य जिले से नहीं अपितु उनके पैतृक गाव हरिपुर गुलेर से होती तो इनके लिए सरकार की तरफ से एक सच्ची श्रद्धांजलि होती।

प्रदेश बेरोजगार आयुर्वेदिक चिकित्सक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. योगेश रैणा का कहना है कि पिछली बार की तरह से इस वर्ष भी गुलेर में साहित्यिक कार्यक्रम होता तो यह यहा के लोगों की तरफ से सच्ची श्रद्धाजलि होती।

जिला परिषद सदस्य कमलेश कुमारी का कहना है कि चंद्रधर शर्मा गुलेरी गुलेर से संबंध रखने वाले एक प्रसिद्ध साहित्यकार थे। उनकी यादों को गुलेर में एक साहित्य कार्यक्रम के आयोजन द्वारा बनाए रखना सरकार का दायित्व है। वरिष्ठ नागरिक गैर सरकारी संगठन हरिपुर के अध्यक्ष विजेंद्र सिंह गुलेरिया का कहना है कि जयंती को गुलेर में मनाना स्थानीय युवा पीढ़ी में साहित्य के प्रति जागरूकता लाने का काम करती। व्यापार मंडल हरिपुर के प्रधान देस राज चनौरिया ने काह कि गुलेर से संबंधित महान साहित्यकार थे। हरिपुर गुलेर के लोगों को गुलेरी जी पर गर्व है। उनकी जयंती पर हर वर्ष एक राज्यस्तरीय साहित्य कार्यक्रम उनके पैतृक गाव में आयोजित होने से उनके इस गर्व को दोगुना कर जाता।

chat bot
आपका साथी