श्रीमद्भागवत पुराण अनुशीलन सत्र पर हुई संगोष्ठी

- डॉ. ओम दत्त सरोच ने श्रीमछ्वागवत पुराण के दूसरे स्कन्द के तृतीय अध्याय पर दिया विस्तृत व्याख्यान जागरण संवाददाता हमीरपुर ठाकुर जगदेव चंद स्मृति शोध संस्थान नेरी में मासिक श्रीमछ्वागवत पुराण अनुशीलन सत्र पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता राजेश कुमार शर्मा ने की। इस अवसर पर मुख्यवक्ता डॉ. ओम दत्त सरोच ने श्रीमछ्वागवत पुराण के दूसरे स्कन्द के तृतीय अध्याय पर विस्तृत व्याख्यान दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Nov 2019 07:51 PM (IST) Updated:Mon, 04 Nov 2019 07:51 PM (IST)
श्रीमद्भागवत पुराण अनुशीलन सत्र पर हुई संगोष्ठी
श्रीमद्भागवत पुराण अनुशीलन सत्र पर हुई संगोष्ठी

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : ठाकुर जगदेव चंद स्मृति शोध संस्थान नेरी में श्रीमद्भागवत पुराण अनुशीलन सत्र पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता राजेश कुमार शर्मा ने की। मुख्यवक्ता डॉ. ओमदत्त सरोच ने श्रीमद्भागवत पुराण के दूसरे स्कंद के तृतीय अध्याय पर व्याख्यान दिया। राजा परीक्षित ने शुकदेव जी से मनुष्य की विभिन्न कामनाओं की पूर्ति के संबंध में प्रश्न पूछा, तो उसके उत्तर में शुकदेव जी विभिन्न कामनाओं की पूर्ति के लिए विभिन्न देवताओं की अराधना करने का उपदेश देते हैं। वे कहते हैं कि ब्रह्मतेज की प्राप्ति के लिए बृहस्पति की उपासना, शक्ति के लिए इंद्र की, संतान के लिए प्रजापति की, लक्ष्मी के लिए माया देवी की, तेज की प्राप्ति के लिए अग्नि की, धन के लिए वसुगणों की, विद्या के लिए शंकर की, आयु के लिए अश्वनी कुमारों की उपासना करनी चाहिए। अन्त में शुकदेव जी कहते हैं कि यह संसार असत्य है तथा परमात्मा को पाने के लिए निष्काम भक्ति ही सर्वश्रेष्ठ साधन है। जिसके लिए भगवान नारायण की अराधना करनी चाहिए। शुकदेव जी आगे परमेश्वर की महिमा का गुणगान करते है। संगोष्ठी में प्रो. शशि शर्मा ने मधुर भजन से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। संगोष्ठी में लगभग बीस विद्वानों ने भाग लिया जिनमें प्रो. शक्ति सिंह, प्रो. पुष्पेंद्र सिंह, प्रो. शशि शर्मा, ज्योति प्रकाश, प्रदीप ठाकुर आदि मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी