जी हां अब आपका स्कूटर बिना पेट्रोल सड़क पर दौड़ेगा

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बहुत कनीकी कॉलेज तलवाड़ के प्रशिक्षुओं ने बनाया बैटरी से चलने वाला स्कूटर, वातावरण को प्रदूषण रहित बनाने में देगा योगदान

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Mon, 30 Apr 2018 08:44 AM (IST) Updated:Mon, 30 Apr 2018 10:01 PM (IST)
जी हां अब आपका स्कूटर बिना पेट्रोल सड़क पर दौड़ेगा
जी हां अब आपका स्कूटर बिना पेट्रोल सड़क पर दौड़ेगा

सुंदरनगर [रजनीश हिमालयन]। अब आपका स्कूटर बिना पेट्रोल के चलेगा। जी हां, ईंधन के रूप में इसे चलाने के लिए बैटरी का प्रयोग होगा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की जयसिंहपुर तहसील में आने वाले बहुतकनीकी संस्थान तलवाड़ के ऑटोमोबाइल इंजीनिर्यंरग संकाय के प्रशिक्षुओं ने बिना पेट्रोल-इंजन के चलने वाला इलेक्ट्रिक स्कूटर तैयार किया है। यह स्कूटर प्रदूषण रहित वातावरण बनाने में योगदान देगा।

कॉलेज के प्रशिक्षुओं ने पुराने स्कूटर को ई-स्कूटर का रूप देकर इसे बैटरी से चलने योग्य बनाया है। इस स्कूटर की खास बात यह है कि इसकी बैटरी को चार्ज करने के बाद 80 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। प्रशिक्षुओं की ओर से बनाए गए ई-स्कूटर की स्पीड 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा है। व्हीकल एक्ट के तहत इस श्रेणी में आने वाले वाहन के पंजीकरण की जरूरत नहीं होती है। इससे बिना पंजीकरण और लाइसेंस के सड़क पर दौड़ाया जा सकता है। ई-स्कूटर को इस तरह से तैयार किया गया है कि इसमें लगाई गई बैटरी को सात से आठ घंटे चार्ज करने के बाद करीब 80 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है।

स्टार्टअप इंडिया से मिला आइडिया

ऑटोमोबाइल इंजीनिर्यंरग के प्रशिक्षु सार्थक व्यास और तनीश कुमार को यह आइडिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टार्टअप इंडिया योजना से मिला। उनके सहपाठी मुनीश राणा, अनमोल चौधरी, शुभम धीमान, रमन चौधरी व विशाल शर्मा की टीम ने ऑटोमोबाइल इंजीनिर्यंरग के विभागाध्यक्ष धीरज गुप्ता के मार्गदर्शन में इलेक्ट्रिकल स्कूटर को तैयार किया है।

ऑटोमोबाइल इंजीनिर्यंरग विभाग के एचओडी धीरज गुप्ता का कहना है कि प्रशिक्षुओं ने कम लागत से ई-स्कूटर तैयार किया है, यह स्कूटर बैटरी से चलेगा। इस तकनीक से पूराने स्कूटर को नया बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।

कम लागत में किया तैयार

बड़ी कंपनियों के इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत बाजार में 40 हजार से अधिक है, लेकिन पुराने स्कूटर को ई-स्कूटर का रूप देने के लिए 20 से 22 हजार रुपये का खर्च आएगा। प्रशिक्षुओं ने पुराने स्कूटर के पेट्रोल टैंक की जगह पर बैटरी स्थापित की है। 

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