चरस से चार गुना तेजी से खराब होता है लिवर

आजकल लीवर का खराब होना आम बात होती जा रही है इसका मुख्य कारण खराब व कृत्रिम नशे का सेवन है। कृत्रिम नशा हेरोइन स्मेक और चरस इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक नशा है क्योंकि इसके सेवन करने वाले व्यक्ति का लीवर शराब पीने वाले व्यक्ति के लीवर की अपेक्षा चार गुना तेजी से खराब होता है। आमतौर पर शराब पीने वाले व्यक्ति का लीवर 20 सालों में खराब होता है लेकिन कृत्रिम नशा करने वालों को लीवर पांच सालों में ही खराब हो जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Apr 2019 10:54 PM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2019 06:58 AM (IST)
चरस से चार गुना तेजी से खराब होता है लिवर
चरस से चार गुना तेजी से खराब होता है लिवर

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : आज के दौर में लिवर का खराब होना आम बात होती जा रही है। इसका मुख्य कारण शराब व कृत्रिम नशे का सेवन है। कृत्रिम नशा हेरोइन, स्मैक और चरस इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक नशा है, क्योंकि इसके सेवन करने वाले व्यक्ति का लिवर शराब पीने वाले व्यक्ति के लिवर की अपेक्षा चार गुना तेजी से खराब होता है। आमतौर पर शराब पीने वाले व्यक्ति का लिवर 20 साल में खराब होता है, लेकिन कृत्रिम नशा करने वालों का लिवर पांच साल में ही खराब हो जाता है।

दैनिक जागरण के हेलो जागरण कार्यक्रम में श्री बालाजी अस्पताल कांगड़ा के एमडी, डीएम गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के डॉ. अतुल राणा ने मंगलवार को सिटी कार्यालय धर्मशाला में टेलीफोन के माध्यम से लोगों विभिन्न बीमारियों से संबंधित समस्याओं का समाधान किया। अगर किसी को भी लिवर से संबंधित बीमारी हो तो वह नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच करवाए। ऐसी स्थिति में कभी भी देशी और आयुर्वेदिक दवा का सेवन न करें। अगर आप शराब या अन्य नशे का सेवन नहीं करते हैं, तो अपने खानपान पर विशेष ध्यान दें। क्योंकि पेय पदार्थ, पीजा, चिप्स जैसी चीजों के सेवन से नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजिज होने की आशंका होती है। जिस तरह देश में इस तरह की चीजों की बिक्री हो रही है, उससे आने वाले समय के विदेशों की तर्ज पर यहां भी इस श्रेणी के लिवर डिजिज होने वाले ग्रसित व्यक्ति हो जाएंगे। इसलिए खानपान पर ध्यान देने के साथ व्यायाम पर भी विशेष ध्यान दें। कृत्रिम नशा करने वाले लोगों को हेपेटाइटस-बी और सी से ग्रसित हो जाते हैं।

अगर कोई व्यक्ति पित्त की पत्थरी से परेशान है या फिर एक्यूट पेंक्रियाटेटिज की बीमारी से ग्रसित है तो उन्हें अन्य राज्य में इलाज के लिए जाने की जरूरत नहीं है। बालाजी अस्पताल में दोनों बीमारियों का इलाज हो जाता है। इसके विपरीत प्रदेश के अन्य किन्हीं भी जगहों पर दोनों बीमारियों का इलाज नहीं होता है।

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तनाव भी कई बीमारियों की जड़

भागदौड़ भरी जिदगी में आजकल लोगों में तनाव बढ़ता जा रहा है। तनाव सभी बीमारियों का मुख्य कारण है। तनाव में सबसे पहले गैस की बीमारी शुरू होती है। इसके अलावा धीरे-धीरे अन्य बीमारियां भी जकड़ लेती हैं। इसलिए तनाव को खुद पर हावी न होने दें।

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