चंबा में इंडो तिब्तियन सभ्यता के संकेत

By Edited By: Publish:Fri, 18 Apr 2014 01:01 AM (IST) Updated:Fri, 18 Apr 2014 01:01 AM (IST)
चंबा में इंडो तिब्तियन सभ्यता के संकेत

अनिल शर्मा, चंबा

चंबा जिले के गरोला क्षेत्र में मिले मानव अवशेषों को लेकर पुरातत्व विभाग ने एक और खुलासा किया है। विभाग का कहना है कि चंबा के पहले राजा द्वारा यहां अपना राज्य स्थापित किए जाने से पहले एक सभ्यता मौजूद थी। यह सभ्यता इंडो तिब्तियन से मिलती जुलती थी। उधर विभाग का यह इशारा चंबा के मूल निवासियों का तमगा पाने की होड़ में लगी सभ्यताओं में एक और समुदाय को लाकर खड़ा कर दिया है।

जानकारी के अनुसार क्षेत्र में इससे पहले लगभग चार अन्य जगहों पर जमीन के काफी नीचे मानव अवशेष प्राप्त हो चुके हैं। जिन्हें लोगों ने खुदाई के दौरान प्राप्त किया। जिनमें बिल्कुल ऐसे ही मानव निर्मित पत्थर और मिट्टी से बने ताबूत नुमा संरचनाओं में संरक्षित मानव कंकाल मिल चुके हैं। जिनमें से एक की लंबाई तो लगभग नौ फुट और उसके ताबूत की लंबाई लगभग 12 फुट के करीब बताई जा रही है। पुरातत्व विभाग इस पर शोध कर रहा है। गद्दी जनजातीय विकास सभा भरमौर के अध्यक्ष विनोद कपूर ने बताया कि हाल ही में जो मानव अवशेष मिले हैं। वह इस क्षेत्र के लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है। पिछले एक दशक से आधुनिकता का प्रसार होने से यहां मकानों के लिए होने वाली खुदाई के दौरान इस तरह के अवशेषों के मिलने की कई घटनाएं सामने आई हैं। अगर विभाग के इस तथ्य की माने तो जनजातीय क्षेत्र भरमौर व इसके आसपास चंबा रियासत के उद्भव से पहले कोई सभ्यता बसती थी।

पुरातत्व पंजीकीय अधिकारी हरि चौहान ने बताया कि शोध से तो यही तथ्य सामने आते हैं। विभाग इसकी शोध कर रहा है। दुख की बात है कि गरोला में मानव अवशेषों के सेंपल जांच में फेल हो गए। नहीं तो इस संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हो सकती थी।

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