नौकरी का झांसा देकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा, कंपनी के चेक बाउंस

हिमाचल प्रदेश में हजारों लोगों से पैसे इकट्ठे करके करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 15 Oct 2017 02:34 PM (IST) Updated:Sun, 15 Oct 2017 02:34 PM (IST)
नौकरी का झांसा देकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा, कंपनी के चेक बाउंस
नौकरी का झांसा देकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा, कंपनी के चेक बाउंस

संवाद सहयोगी, बिलासपुर। बाहरी राज्यों की संस्थाएं व लोग लगातार प्रदेश के भोले-भाले लोगों को गुमराह कर लाखों-करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे हैं। कभी नौकरी देने तो कभी शिक्षा को लेकर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। एक बार फिर से प्रदेश के पढ़े-लिखे लोग ठगी का शिकार हुए हैं। प्रदेशभर में हजारों लोगों से पैसे इकट्ठे करके करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है। इस फर्जीवाड़े में दिल्ली की एक संस्था का हाथ है।

शनिवार को बिलासपुर में पत्रकारों के समक्ष मामले की जानकारी देते हुए जिला कांगड़ा के पालमपुर के विपन कुमार, बिलासपुर के तरेड़ की रमा देवी, रौड़ा सेक्टर की पूनम शर्मा, कोठीपुरा की निशा, नम्होल के देवेंद्र, संजय कुमार, ममता कुमारी व मीनल ने बताया कि दिल्ली की शिक्षा वार्ता लिडिंग एजुकेशन वीकली न्यूजपेपर कंपनी ने ऑनलाइन आवेदन निकाले थे। प्रत्येक आवेदक से 500-500 रुपये का शुरू लिया गया। बाद में चयनित होने पर उनसे बीमा करवाने के नाम पर दो-दो हजार रुपये लिए गए। आवेदकों ने डीडी बनाकर राशि कंपनी को भेजी।

साथ ही, उन्हें बताया गया कि चयन के बाद सरकारी स्कूलों में शिक्षा के घटते स्तर के बारे में शिक्षकों व छात्रों को जागरूक करने का कार्य किया जाएगा। साथ ही, वीकली न्यूजपेपर में भी काम करने के लिए अलग-अलग पद दिए गए। इसके लिए ऊना जिला में राज्य कार्यालय भी खोला गया, जबकि प्रदेश में तीन जगह जोनल स्तर व प्रत्येक जिला में जिला स्तर के कार्यालय खोले गए। जिला स्तर पर रखे गए लोगों से 34 हजार 700 रुपये तथा 30 हजार तथा ब्लॉक स्तर पर 24 हजार रुपये लिए गए। इनकी नियुक्ति के बाद उन्हें हजारों रुपये का वेतन देने का वादा किया गया।

परंतु 2016 से काम कर रहे लोगों को न तो वेतन आया और न ही कार्यालयों का भाड़ा दिया गया। प्रदेश के करीब 108 लोगों ने फ्रेंचाइजिस ली थी। फ्रेंचाइजिस लेने पर 34 हजार 700 रुपये लिए गए। जबकि, 15 हजार लोगों ने पांच सौ रुपये का शुल्क भरा था। इसमें विशेष रूप से महिलाओं को शिकार बनाया गया है। उनसे बाकायदा पांच सौ रुपये लेकर फार्म भरे गए और फिर इंटरव्यू हुए। चयनित होने पर करीब तीन माह की ट्रेनिंग करवाने की बात कही गई, लेकिन कोई ट्रेनिंग नहीं हुई।

चयनित लोगों ने जब सैलरी की मांग की तो उन्हें एक माह की छुट्टी दे दी गई। आज दिन तक न तो ट्रेनिंग हुई और न उनकी सेलरी आई। इस अवसर पर अधिवक्ता परवेश चंदेल भी उपस्थित रहे।

विपिन ने छोड़ी नौकरी

पालमपुर के विपिन कुमार ने बताया कि वह पालमपुर के घुग्गर स्कूल में अनुबंध आधार पर पीजीटी अर्थशास्त्र के रूप में कार्य कर रहे थे। उन्हें किसी ने शिक्षा वार्ता के बारे में बताया। उन्हें शिक्षा वार्ता द्वारा जिला परियोजना अधिकारी पद नियुक्त किया गया व 90 हजार रुपये मासिक वेतन देने की बात कही गई। उन्होंने नौकरी छोड़कर इस कार्य को करना शुरू कर दिया। संस्था के निर्देशानुसार ब्लॉक स्तर पर साप्ताहिक पत्रिका के लिए पत्रकार भी रखे। उनसे इस पद के लिए 34 हजार रुपये बतौर फ्रेंचाईची के नाम पर लिए गए।

कंपनी के सभी चेक हो गए बाउंस

सेलरी की मांग पर शिक्षा वार्ता कंपनी ने ऊना स्थित राज्य कार्यालय में दो चेक भेजे लेकिन दोनों बाउंस हो गए। इसमें एक पीएनबी बैंक का चेक 12-9-2017 तथा दूसरा चेक 7-10-2017 को दिया गया। जोकि 35-35 लाख रुपये के चेक थे। इसके बारे में हाईकोर्ट में शिकायत कर दी गई है।

पीएमओ व केंद्रीय जांच एजेंसी से होगी शिकायत

शिकायतकर्ता ने कहा कि मामले के संबंध में पुलिस अधीक्षक व विजीलेंस को शिकायत दी जाएगी। साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय व केंद्रीय जांच एजेंसी से भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की जाएगी। ताकि, उन्हें न्याय मिल सके तथा अन्य लोग इसका शिकार होने से बच सकें।

अभी तक मामले को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि शिकायत मिलती है तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

-अंजुम आरा, पुलिस अधीक्षक बिलासपुर।
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