21 साल बाद दबोचा हत्या का आरोपित

21 वर्ष पहले हत्या के मामले में फरार चौथे आरोपित को पीओ सेल बिलासपुर की टीम ने महाराष्ट्र से दबोचा।

By Edited By: Publish:Wed, 10 Oct 2018 08:04 PM (IST) Updated:Thu, 11 Oct 2018 12:59 PM (IST)
21 साल बाद दबोचा हत्या का आरोपित
21 साल बाद दबोचा हत्या का आरोपित

शाहतलाई, जेएनएन। थाना तलाई के अंतर्गत 21 वर्ष पहले हत्या के मामले में फरार चौथे आरोपित को पीओ सेल बिलासपुर की टीम ने महाराष्ट्र के जिला सातारा से दबोच लिया है। पीओ सेल के इंचार्ज दौलत राम, रवि चौधरी, रवि गौतम व राजकुमार ने 7 अक्टूबर को टैक्सी ड्राइवर किशोरी लाल की हत्या में फरार चौथे आरोपी गंगासागर उर्फ बबलू उर्फ मुन्ना पुत्र दुर्गा प्रसाद रावत गांव, बलभद्र खेड़ा डाकघर खेरों जिला रायबरेली उतर प्रदेश राज्य के 39 वर्षीय को आरा गांव में बारामती स्टील फैक्ट्री से पकड़ा है।

आरोपित को महाराष्ट्र न्यायालय में पेश कर ट्राजिंट वारंट के आधार पर पुलिस थाना तलाई में कानूनी कार्रवाई के लिए हिरासत में लिया है। आरोपित को अब न्यायालय में पेश किया जाएगा। आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता अधिनियम 174 ए के तहत एक और मामला दर्ज किया गया है।

यह था मामला

13 मार्च 1997 को घुमारवीं के साथ लगते गांव पैहडवीं के टैक्सी चालक किशोरी लाल की हत्या पुलिस थाना तलाई क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले गांव जमरडियां रेन शेल्टर के पास हुई थी। चार अज्ञात लोग बिलासपुर से दियोटसिद्ध के लिए टैक्सी कर लाए थे। रूपलाल पुत्र जीणू राम ने पुलिस थाना तलाई में शिकायत दर्ज करवाई थी कि वह अपने कार्य से वापस बलसीणा (घंडीर) से घर जब पैदल 8:30 बजे 13 मार्च को रेन शेल्टर जमरडियां के पास पहुंचा तो रात्रि किसी व्यक्ति के सड़क के साथ झाडियों में से कहराने की आवाज आ रही थी जबकि कार भी सड़क पर खड़ी थी।

इतने में दो अन्य व्यक्तियों ने आवाज दी वह डर के मारे घर भाग गया। गांव में शोर मचाने पर अन्य लोगों के साथ मौके पर आए तो वहां पर झाड़ियों में खून से लथपथ शव पड़ा था। सड़क पर खड़ी कार एचपी 02- 4532 पर भी खून के धब्बे लगे थे। पुलिस ने रूप लाल की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। तफ्तीश करने के उपरांत मलकीत सिंह व देवेंद्र पाल उर्फ विक्की को इस मामले के संदर्भ में हिरासत में लिया था। उसके बाद 2008 में दिनेश कुमार उर्फ राज शर्मा को 7 जनवरी को राजस्थान के गंगा नगर से पकड़ा था। चौथा आरोपित फरार था। पुलिस ने घुमारवीं एसडीजेएम न्यायालय से 29 अक्टूबर 1997 को भगोड़ा घोषित करवाया था।

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