देखो! असुरक्षित घोषित जर्जर भवन आज भी खड़े हैं

जनक राज शर्मा, भराड़ी राजकीय प्राथमिक स्कूलों के असुरक्षित भवनों को गिराने में शिक्षा विभाग व सरकार

By Edited By: Publish:Mon, 30 May 2016 08:05 PM (IST) Updated:Mon, 30 May 2016 08:05 PM (IST)
देखो! असुरक्षित घोषित जर्जर भवन आज भी खड़े हैं

जनक राज शर्मा, भराड़ी

राजकीय प्राथमिक स्कूलों के असुरक्षित भवनों को गिराने में शिक्षा विभाग व सरकार का उदासीन रवैया खतरे की घंटी बजाने लगा है। स्कूल प्रबंधन समितियां हालांकि अपने स्तर पर समय पर स्थिति से अवगत करवा रही हैं लेकिन विभाग की नींद शायद किसी हादसे के बाद ही टूटेगी। पंचायतें के प्रस्तावों की अनदेखी की जा रही है। इन मामलों पर सरकार व शिक्षा विभाग केवल उबासी ही ले रहे हैं। ऐसे में चाह कर भी स्कूल प्रबंधन जर्जर व असुरक्षित स्कूल भवनों को नहीं गिरा पा रहा है।

सच्चाई यह है कि लैहड़ी सरैल पंचायत के जोल स्कूल समेत जिला में पच्चीस स्कूलों के भवन असुरक्षित घोषित कर रखे हैं। शिक्षा विभाग की दलील यह कि स्कूल की जमीन उसके नाम नहीं है। अन्य लोगों के नाम होने की वजह से विभाग इन भवनों को गिरा नहीं पा रहा है। भविष्य में जोल स्कूल की तरह अन्य स्कूलों में भी इस तरह के हादसे की पुनरावृत्ति से इंकार नहीं किया जा सकता है।

बिलासपुर जिला में पचास फीसद स्कूलों की जमीन विभाग के नाम पर नहीं है। लोक निर्माण विभाग इन असुरक्षित भवनों को गिराने से परहेज कर रहा है। जिला में प्राइमरी शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय ने सात भवनों को असुरक्षित घोषित कर रखा है। इन भवनों को गिराने की योजना लोक निर्माण विभाग को भेज दी गई है। 15 अन्य प्राथमिक स्कूल भवन भी असुरक्षित है। ऐसे असुरक्षित भवनों से होकर गुजरना जानलेवा साबित हो सकता है। सोमवार को इसका ताजा उदारहण जोल प्राथमिक स्कूल में पेश आया। असुरक्षित पुराने स्लेटपोश भवन से होकर गुजर रहे मुख्याध्यापक कृष्ण चंद धीमान पर छत से कुछ स्लेट आ गिरे, जिनसे वह घायल हो गए। स्कूल भवन को गिराने की एक प्रक्रिया है। इसके लिए एक जिला कमेटी का गठन किया है। इसकी शक्तियां लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता को प्रदान की गई है, जबकि पहले यह शक्तियां उपायुक्त एसडीएम के पास रहती थी।

पंचायत लैहड़ी सरेल के उपप्रधान व राजकीय प्राथमिक पाठशाला जोल के स्कूल प्रबंधन समिति प्रधान सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि स्कूल का यह कमरा करीब 35 साल पुराना है। पंचायत व स्कूल प्रबंधन समिति ने बीपीईओ से लेकर उप निदेशक और मुख्य संसदीय सचिव को इस भवन को गिराने के लिए कई बार आग्रह किया है लेकिन किसी स्तर पर सुनवाई नहीं हुई है। घायल मुख्याध्यापक कृष्ण चंद धीमान ने बताया कि तीन माह पहले स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान ने सीपीएस राजेश धर्माणी को भी प्रस्ताव भेजा लेकिन तीन वर्षों से एक कमरे को गिराने की अनुमति सरकार व विभाग नही दे रहे है। अगर कहीं किसी के मासूम बच्चे पर स्लेट या दीवार गिर जाए तो किसी के घर का चिराग बुझ सकता था।

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स्कूल के भवन को गिराने की राह में भूमि अधिग्रहण की औपचारिकता आड़े आ रही है। पचास फीसद स्कूलों की जमीन विभाग के नाम नहीं है। लोक निर्माण विभाग असुरक्षित भवनों को नहीं गिरा पा रहा है।

पीसी वर्मा, उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर।

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