पेपर स्ट्रिप से दस मिनट में इबोला, डेंगू की पहचान

शोधकर्ताओं ने एक आसान पेपर स्ट्रिप विकसित किया है। इससे जानलेवा इबोला के साथ साथ डेंगू और पीला बुखार जैसे वायरल बुखारों का महज दस मिनट में पता लगाया जा सकता है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Wed, 25 Feb 2015 10:28 AM (IST) Updated:Wed, 25 Feb 2015 10:33 AM (IST)
पेपर स्ट्रिप से दस मिनट में इबोला, डेंगू की पहचान

वाशिंगटन। शोधकर्ताओं ने एक आसान पेपर स्ट्रिप विकसित किया है। इससे जानलेवा इबोला के साथ साथ डेंगू और पीला बुखार जैसे वायरल बुखारों का महज दस मिनट में पता लगाया जा सकता है।

मैसाचुसेट्स इंस्टी'यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) के वैज्ञानिक किम्बर्ले हैमड स्किफर्ली ने कहा, 'इबोला के हालिया प्रकोप में हमने देखा कि कई बार लोगों में लक्षण दिखा और यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उन्हें क्या हुआ है।फिलहाल इबोला का पता लगाने का सिर्फ एक तरीका है जिसमें मरीज के खून के नमूने को प्रयोगशाला में भेजा जाता है। यह एक बेहद सटीक लेकिन काफी समय लेने वाला तरीका है। एमआइटी का नया उपकरण नई तकनीक पर आधारित है। इसका इस्तेमाल गर्भ की जांच में होता है और हाल में स्ट्रेप थ्रोट और दूसरे संक्रमणों की जांच में उपयोग हो चुका है।

कई बीमारियों में कारगर

मौजूदा पेपर स्ट्रिप जांच से केवल एक बीमारी की ही पहचान हो सकती है। जबकि एमआइटी का नया स्ट्रिप कलर-कोडेड है। कई बीमारियों की पहचान करने में इसका इस्तेमाल हो सकता है। शोधकर्ताओं ने लाल, नारंगी और हरे सूक्ष्मकणों को तैयार किया और उन्हें एंटीबॉडीज के साथ जोड़ा है जो इबोला, डेंगू और पीला बुखार की पहचान कर सकते हैं।

रंगों से बीमारी की पहचान

स्किफर्ली ने बताया, 'जब हम रोगी के नमूने को स्ट्रिप से गुजारते हैं और नारंगी रंग का बैंड दिखाई दे तो रोगी को पीला बुखार है। अगर यह लाल बैंड दिखाता है तो इबोला और हरा दिखाई देता है तो उसे डेंगू हुआ है।

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