इनहेलर से इन्सुलिन ले सकेंगे मधुमेह के मरीज
इनहेलर के आने से मधुमेह के मरीजों को इन्सुलिन लेने के लिए बार-बार इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
रणविजय सिंह, नई दिल्ली। विश्व मधुमेह दिवस (14 नवंबर) पर मरीजों को राहत देने वाली खबर है। देश में मधुमेह (डायबिटीज) पीडि़तों के इलाज के लिए इन्सुलिन के इनहेलर का क्लीनिकल ट्रायल शुरू होगा। उम्मीद है कि बहुत जल्द केंद्र सरकार के सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन से इन्सुलिन के इनहेलर का ट्रायल शुरू करने की स्वीकृति मिल जाएगी।
एम्स के एक डॉक्टर ने बताया कि इस पर गंभीरता से विचार चल रहा है और परीक्षण शुरू करने पर सहमति बन चुकी है। इनहेलर के आने से मधुमेह के मरीजों को इन्सुलिन लेने के लिए बार-बार इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ेगी। मधुमेह के मरीज अस्थमा के मरीजों की तरह मुंह से इन्सुलिन का इनहेलर ले सकेंगे। भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल डॉ. जीएन सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इस पर प्राथमिकता से विचार चल रहा है।
मधुमेह की बीमारी पूरे देश में बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनकर सामने आ रही है। देश में करीब 6.50 करोड़ लोग मधुमेह से पीडि़त हैं। इनमें युवा भी शामिल हैं। मधुमेह टाइप-एक से पीडि़त मरीजों को नियमित इन्सुलिन का इंजेक्शन लेना पड़ता है। इसके अलावा मधुमेह टाइप-2 से पीडि़त उन मरीजों को भी इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं, जो अनियंत्रित मधुमेह से पीडि़त हो चुके हैं। कई मरीजों को दिन में दो बार इंजेक्शन लगाने पड़ते हैं। इससे दर्द तो झेलना पड़ता ही है, संक्रमण का भी डर रहता है।
एम्स के एक डॉक्टर ने बताया कि अमेरिका में इन्सुलिन का इनहेलर बाजार में करीब डेढ़ साल से उपलब्ध है। वहां उसका ट्रायल भी सफल रहा है। इसके बाद इनहेलर बनाने वाली कंपनी ने यहां भी ट्रायल शुरू करने के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन में आवेदन दिया है। इस पर विचार करने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर ने विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित की है। कमेटी के विशेषज्ञों ने सकारात्मक राय रखी है। पहले भी एक कंपनी ने इनहेलर बनाया था। तब एम्स में भी उसका ट्रायल हुआ था। ट्रायल सफल होने के बावजूद कंपनी ने बिना कारण बताए अपने कदम पीछे खींच लिए थे। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि पहले के मुकाबले नए इनहेलर में कुछ सुधार किया गया है।
इन्सुलिन का इनहेलर आने पर मरीजों को फायदा होगा, पर उसकी कीमत अधिक होगी। ऐसा नहीं है कि इंजेक्शन बिल्कुल बंद हो जाएगा।
डॉ. एके झिंगन, अध्यक्ष, दिल्ली डायबिटीज रिसर्च सेंटर
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