हलो डॉक्टर

हलो डॉक्टर स्तंभ के अंतर्गत पाठकों के कॉर्डियोवैस्कुलर रोगों से संबंधित सवालों का जवाब अपोलो हॉस्पिटल, नई दिल्ली के सीनियर कॉर्डियोवैस्कुलर सर्जन डॉ. के.के. पांडेय दे रहे हैं।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Wed, 11 May 2016 12:57 PM (IST) Updated:Wed, 11 May 2016 01:01 PM (IST)
हलो डॉक्टर

पिछले 15 साल से डाइबिटीज और हाई ब्लडप्रेशर से पीडि़त हूं। उम्र पचपन साल है और मेरा वजन भी अधिक है। मैं एक साल से बाएं पैर के घाव से पीडि़त हूं। कई डॉक्टरों से इलाज करवाया, पर घाव भर नहीं रहा है। मुझे डर है कि कहीं मंै अपना पैर न खो दूं। मैं क्या करूं?

सोम सुंदर झा, पटना

देश में डाइबिटीज के लगभग 10 प्रतिशत मरीज पैर खो देते हैं। आपकी चिंता बेवजह नहीं है। डाइबिटीज के मरीज अगर अपने पैरों की सही ढंग से हिफाजत करें, तो पैरों में घाव पनपने से रोका जा सकता है। शुगर को नियंत्रण में रखने केसाथ-साथ, सुबह व शाम एक-एक घंटे की सैर करें। कभी भी नंगे पैर न चलें। आप समय व्यर्थ किये बगैर किसी अनुभवी वैस्क्युलर सर्जन से शीघ्र परामर्श लें।

कुछ दिनों से खांसी की शिकायत थी। डॉक्टर की सलाह पर मैंने सीने का एक्स-रे करवाया, तो मेरे सीने में दो बड़ी साइज की गोलाकार सफेदी निकली। मुझे डॉक्टर ने फेफड़े की हाइडेटिड सिस्ट की बीमारी बतायी है। डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी है। मेरी समझ में नहीं आता कि मैं क्या

करूं?

केवल कृष्ण, मुरादाबाद

यह सिस्ट रोग अपने देश में बुरी तरह

से व्याप्त है। सड़क पर खुले खाद्य पदार्थों का सेवन करना, खाने के पहले अपने हाथों को साबुन से न धोना, सड़क पर घूम रहे आवारा कुत्तों के साथ खेलना, यह सब कारण शरीर के अन्दर सिस्ट (हाइडेटिड) पनपने के जिम्मेदार

हैं। सिस्ट को साधारण भाषा में कीड़ों वाला टयूमर भी कहते हैं। विशेषकर फेफड़े की सिष्ट को लापरवाही से न लें और तुरन्त किसी अनुभवी कार्डियो थोरेसिक सर्जन से परामर्श लें। अपने फेफड़े की सिस्ट निकलवा लें अन्यथा यह जानलेवा हो सकती है।

डेढ़ साल पहले दिल की बाईपास सर्जरी करवायी थी। कुछ दिन तो ठीक रहा, फिर सीने में टांकों वाली जगह पर घाव पक गया, मवाद आने लगा और एंटीबॉयाटिक दवाओं के कई कोर्स लिये, पर फायदा न होने पर मेरे सर्जन ने घाव की सफाई भी की थी और इन्फेक्शन से ग्रस्त हड्डी के टुकड़े निकाल दिये थे। अब हालत यह है कि घाव खुला हुआ है और चार महीने बीत चुके हैं। कुछ फायदा नहीं हो रहा है। कृपया सलाह दें।

शील कुमार, नैनीताल

डाइबिटिज के मरीजो में या बाईपास सर्जरी में अगर दोनों तरफ के आरटीरियल ग्राफ्ट लगाये गये हैं, तो इस तरह की घटनाएं होने की संभावना ज्यादा होती हंै। सारे उपाय तो हो चुके हंै। अब एक विशेष प्रकार की ड्रेसिंग या फिर मांसपेशी की ग्राफ्टिंग से ही घाव भर सकता है।

आप किसी बड़े अस्पताल में कार्यरत अनुभवी प्लास्टिक सर्जन से संपर्क करें।

डॉ. के.के. पांडेय

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