सर्दी के दिन आए मौसम को न मर्ज बनाएं

इस मौसम में सर्दी-जुकाम, वाइरल फीवर, हाई ब्लड प्रेशर, दमा और जोड़ों में दर्द आदि रोगों का प्रकोप कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है

By Babita kashyapEdited By: Publish:Thu, 20 Oct 2016 03:32 PM (IST) Updated:Thu, 20 Oct 2016 03:39 PM (IST)
सर्दी के दिन आए मौसम को न मर्ज बनाएं

सर्दियों के मौसम की अपनी खासियतें हैं, लेकिन इस मौसम में सर्दी-जुकाम, वाइरल फीवर, हाई ब्लड प्रेशर, दमा और जोड़ों में दर्द आदि रोगों का प्रकोप कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है, पर कुछ सजगताएं बरतकर इन स्वास्थ्य समस्याओं से बचकर इस मौसम का लुत्फ उठाया जा सकता है..

सर्दी अपने साथ कई बीमारियां भी लाती है। सर्दी की दस्तक के साथ ही सर्दी-जुकाम के मरीजों की संख्या भी बढऩे लगी है। खासतौर पर बच्चे और बुजुर्गों को इस मौसम में संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कुछ ज्यादा ही परेशान करती हैं। डॉक्टरों की राय में अगर कुछ सजगताएं न बरती जाएं, तो सर्दी की दस्तक स्वास्थ्य केलिए हानिकारक हो सकती है।

संक्रामक रोगों का प्रभाव

मौसम में बदलाव के साथ ही वायरल से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के तेजी से फैलने की संभावना रहती है। मौसम बदलने के साथ ही संक्रामक रोग दस्तक देना शुरू कर देते हैं। सर्दी के मौसम में लोग सर्दी खांसी, जुकाम, बुखार, बदनदर्द और सिरदर्द से कुछ ज्यादा परेशान होते है।

उम्रदराज रहें सजग

ठंडे मौसम के दौरान खासकर उम्रदराज लोगों में अवसाद या डिप्रेशन की समस्या बढ़ जाती है। इस कारण उनमें तनाव और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। सर्दी केमौसम में हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि जाड़े के कारण खून की नलियां सिकुडऩे लगती हैं। इस कारण ब्लड प्रेशर या रक्त चाप बढ़ जाता है।

सर्दियों में डिप्रेशन से बचने के लिए कुछ देर तकधूप में बैठें या चारदीवारी के अन्दर लाइट जलाकर रहें और नकारात्मक विचारों को स्वयं पर हावी न होने दें।

हाई ब्लड प्रेशर से रहें सजग

गर्मी की तुलना में सर्दियों में प्रात: काल ब्लड प्रेशर ज्यादा होता है। इसलिए समय पर दवाएं लेते रहें। सर्दी में दिल के दौरे भी अधिक पड़ते हैं। इसलिए सुबह-सुबह सीने में होने वाले दर्द की अनदेखी न करें। सर्दियों में दिल का दौरा पडऩे का जोखिम काफी बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि सर्दी के चलते दिल की मनियों में सिकुडऩ आ जाती है। इससे रक्त प्रवाह (ब्लड सर्कुलेशन) में रुकावट आती है और रक्त के थक्के (क्लॉट) बनने की आशंका बढ़ जाती है। इस स्थिति से बचाव के लिए इन सुझावों पर अमल करें...

- अगर आपको दिल का पुराना मर्ज है, तो आप नियमित रूप से ब्लडप्रेशर का परीक्षण करें या कराते रहें।

- अगर आपके सीने, गर्दन, जबड़े और कन्धे में दर्द हो रहा हो या फिर आपको सांस लेने में दिक्कत और पसीना आ रहा है, तो इन लक्षणों की अनदेखी न करें। ये सारे लक्षण दिल का दौरा पडऩे के संकेत हो सकते हैं।

- तनावमुक्त रहें।

जोड़ों में दर्द

सर्दियों की शुरुआत के साथ ही जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ जाती है। जैसे जोड़ों को मोडऩे में परेशानी, जोड़ों का लाल होना, जोड़ों में खिंचाव महसूस होना, चलने-फिरने में दिक्कत आना, जोड़ों में अकडऩ आना आदि। सर्दियों की आहट के साथ ही उम्रदराज लोगों में जोड़ों का दर्द उन्हें बुरी तरह परेशान करने लगता है। जैसे-जैसे तापमान में कमी आती है, जोड़ों की रक्तवाहिनियां संकुचित हो जाती हैं। इस कारण जोड़ों में अकडऩ और दर्द बढ़ जाता है। जोड़ों में दर्द से बचाव के लिए व्यायाम करें। जोड़ों को चोट से बचाएं। धूप में बैठे, वजन नियंत्रित रखें और दूध

का सेवन करें। जोड़ों की मालिश करना लाभप्रद है।

त्वचा संबंधी परेशानियां

सर्दियों के मौसम में ठंड व शुष्क हवाओं के प्रकोप से जब त्वचा फटने लगती है,तो बहुत खुजली होती है। इससे बचाव के लिए तेल मालिश करनी चाहिए।

डॉ.सूर्यकांत त्रिपाठी सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ

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