महिलाओं को बीपीएल कार्ड की चिता तो युवाओं को चाहिए रोजगार

मतदान की तारीख नजदीक आने से चुनावी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। जहां देखो वहीं चुनाव की ही चर्चा है। खासकर भीड़भाड़ वाली जगह चुनाव के सिवा कुछ बात ही नहीं होती। बातों में प्रत्याशियों के हार-जीत पर मंथन किया जा रहा है। जो जिस पार्टी का समर्थक है वह उसकी जीत के शत प्रतिशत गारंटी देने से भी नहीं चूक रहा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 08:00 AM (IST)
महिलाओं को बीपीएल कार्ड की चिता तो युवाओं को चाहिए रोजगार
महिलाओं को बीपीएल कार्ड की चिता तो युवाओं को चाहिए रोजगार

मतदान की तारीख नजदीक आने से चुनावी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। जहां देखो वहीं चुनाव की ही चर्चा है। खासकर भीड़भाड़ वाली जगह चुनाव के सिवा कुछ बात ही नहीं होती। बातों में प्रत्याशियों के हार-जीत पर मंथन किया जा रहा है। जो जिस पार्टी का समर्थक है, वह उसकी जीत के शत प्रतिशत गारंटी देने से भी नहीं चूक रहा। चुनाव का माहौल जानने के लिए दैनिक जागरण संवाददाता रविवार दोपहर एक बजे यमुनानगर बस स्टैंड पर पहुंचे। दोपहर का समय होने के कारण बस स्टैंड पर बसों की संख्या कम ही दिख रही थी। काउंटर पर गुमथला जाने वाली बस लगी थी, उसकी सभी सीटें सवारियों से फुल हो चुकी थी। हम इस बस में सवार हो लिए। पांच मिनट बाद ही बस गुमथला के लिए रवाना हो गई।

बस स्टैंड से बाहर निकलते ही बस कमानी चौक से पहले जाम में फंस गई। सड़क किनारे ट्रैक्टर ट्रॉली खड़ी थी, तो इंडस्ट्रियल एरिया की तरफ से आ रहा ट्रक बीच में फंस गया था। इस पर बस के परिचालक ने नीचे उतर कर बीच में घुस रहे वाहनों को रोका तब जाकर बस आगे बढ़ी। कमानी चौक पर रेड लाइट हुई तो तो यहां से भी तीन सवारियां बस में चढ़ गई। बस के बाईपास पर चढ़ते ही परिचालक ने सवारियों की टिकट काटनी शुरू कर दी। बस की अगली खिड़की के पास बैठे दो बुजुर्ग बैठे थे, जिनसे बातों ही बातों में चुनाव पर राय ली। बुजुर्ग बहादुर सिंह ने बताया कि सरकार चाहे किसी की भी आ जाए आम आदमी पर कोई असर नहीं पड़ता। इतने साल से बैंक में आ रही पेंशन बंद हो गई। पता चला आधार कार्ड जमा नहीं हुआ था। आधार कार्ड देते ही पेंशन दोबारा खाते में आने लगी। टिकट काट रहा परिचालक भी वहां खड़े होकर बातों में दिलचस्पी लेने लगा। साथ वाली सीट पर बैठी महिला ने बीच में बोली उसने कई बार कॉलोनी (प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत बनने वाला घर) का फार्म भरा था। पक्का घर बनने से आधी टेंशन खत्म हो गई। नहीं तो घर की छत की कड़ियां टूट गई थीं। अब बस उसका बीपीएल राशन कार्ड बन जाए। तभी पास बैठा युवक बोला आंटी, गांव वाले तो बस राशन कार्ड और कॉलोनी में ही उलझ कर रह गए। कभी अपने विधायक से ये नहीं कहते की बच्चों को कहीं नौकरी भी लगवा दो। इस सरकार ने कम से कम सारे गांवों की सड़कें तो बनवा दी। पांच साल पहले सड़कों पर इतने गड्ढे थे कि चलना भी मुश्किल हो जाता था। रादौरी गांव में सरकारी कॉलेज बनवा दिया। नाचरौन में सरकारी आइटीआइ बनवा दी। इस साल दाखिले भी शुरू हो गए। पहले पढ़ने के लिए यमुनानगर आना पड़ता था। युवक ने अपना नाम संदीप बताया। वह गुमथला का रहने वाला था।

शादीपुर, करेहड़ा, हरियाबांस, नागल, नाहरपुर और खजूरी से होती हुई बस जठलाना पहुंच गई। जहां से आठ-10 सवारियां बस में चढ़ गई। आसपास बैठे लोगों से पूछा कि रादौर में किस पार्टी का ज्यादा जोर है। युवाओं ने कहा कि वे तो अपना वोट भाजपा को ही देंगे। भाजपा से मंत्री कर्णदेव कांबोज लड़ रहे हैं। कांग्रेस के डॉ. बिशन लाल सैनी तो दूसरे नंबर पर रहेंगे। भाजपा प्रत्याशी क्यों जीतेगा उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि पार्टी ने पांच साल में बहुत काम करवाया है। रादौर क्षेत्र से ही काफी लड़के तो डी-ग्रुप की भर्ती में लगे। जिससे भी बात हुई यही कहा एक पैसा नहीं दिया और न किसी मंत्री या अफसर ने मांगे। बस भी मॉडल टाउन करेहड़ा, लाल छप्पर, संधाला, संधाली से होकर गुमथला पहुंच गई।

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