16 मांगें मनवाने के लिए सड़क पर उतरे कर्मचारी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : राज्य कर्मचारी संघ के नेतृत्व में कर्मचारी अपनी 16 मांगें मनवाने क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Aug 2017 03:00 AM (IST) Updated:Tue, 22 Aug 2017 03:00 AM (IST)
16 मांगें मनवाने के लिए सड़क पर उतरे कर्मचारी
16 मांगें मनवाने के लिए सड़क पर उतरे कर्मचारी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : राज्य कर्मचारी संघ के नेतृत्व में कर्मचारी अपनी 16 मांगें मनवाने के लिए सोमवार को सड़क पर उतर आए। सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। अनाज मंडी गेट पर एकत्रित होकर कर्मचारी लघु सचिवालय पहुंचे और जिला उपायुक्त को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा।

इससे पूर्व अनाज मंडी गेट पर जिलाध्यक्ष रोशनलाल शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों की जायज मांगें हैं, जिनको भी सरकार मान नहीं रही है। समाधान के लिए प्रयास भी नहीं किए जा रहे। इससे कर्मियों में सरकार के प्रति रोष व्याप्त है। मांगों को मनवाने के लिए कर्मी करनाल में 13 मई को सीएम आवास का घेराव भी कर चुके हैं। उसके बाद सरकार ने कुछ मांगों को माना था, लेकिन उनको आज तक लागू नहीं किया गया।

जिला महासचिव मनीष बिस्ट ने कहा कि विधायक और सांसद अपने वेतन व भत्ते सदन में मेज पर हाथ पटक कर बढ़ोतरी करा लेते हैं, जबकि कर्मियों को मांग मनवाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। वर्ष 2006 के बाद सरकारी कर्मचारियों की पेंशन सुविधा बंद कर दी। कार्यकारी जिलाध्यक्ष मोहनलाल शर्मा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद भी समान काम-समान वेतन की नीति लागू नहीं की गई। सरपंच ट्यूबवेल ऑपरेटरो को देरी से वेतन देते हैं। ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटरों की यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जसबीर ¨सह ने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की मांगें समय रहते पूरी करनी चाहिए अन्यथा बड़ा संघर्ष किया जाएगा। सरकार से अपना हक लेकर रहेंगे। इस मौके पर काफी संख्या में कर्मचारी उपस्थित रहे।

मांगों पर एक नजर

-ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटरों को दिया जाए न्यूनतम वेतन।

-खाते में दिया जाए सफाईकर्मियों का वेतन।

-आंगनबाड़ी और आशा को मिले महंगाई अनुसार मानदेय।

-कर्मचारियों को दी जाए कैशलेस मेडिकल सुविधा।

-समान वेतन और समान काम नीति हो लागू।

- तीन वर्ष की सेवा के बाद पक्के हो कर्मचारी।

- दीवाली पर सभी कर्मियों को मिले बोनस।

- 2006 के बाद के कर्मियों को मिले पेंशन सुविधा।

- सातवें वेतन आयोग के अनुसार मिले भत्ते।

- मृतककर्मियों के आश्रितों को मिले नौकरी।

- सेवानिवृत्तकर्मियों को सातवें वेतन आयोग अनुसार मिल पेंशन।

- विभागों में बंद हो ठेका प्रथा।

- शुरू की जाए बल्लारपुर इंडस्ट्री।

- मिल कर्मियों को कोआपरेटिव शुगर मिल कर्मियों भांति मिले सुविधा।

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