पीएमओ के नाम से फर्जी फोन करने वाले के सामने पुलिसिया तंत्र

पीएमओ ऑफिस के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का नाम लेकर डीसी को फर्जी फोन करने वाले के आगे पुलिस का तंत्र फेल हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 12:56 AM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 12:56 AM (IST)
पीएमओ के नाम से फर्जी फोन करने वाले के सामने पुलिसिया तंत्र
पीएमओ के नाम से फर्जी फोन करने वाले के सामने पुलिसिया तंत्र

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

पीएमओ ऑफिस के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का नाम लेकर डीसी को फर्जी फोन करने वाले के आगे पुलिस का तंत्र फेल हो गया है। केस दर्ज होने के करीब 20 दिन बाद भी कॉल करने वाले का पता नहीं लग सका है। यहां तक कि कहां से यह कॉल आई, इसकी भी फिलहाल कोई जानकारी पुलिस के पास है। इस मामले में डीसी कैंप कार्यालय के क्लर्क रविद्र कुमार की ओर से हुडा चौकी में केस दर्ज कराया था। यह दी गई थी पुलिस को शिकायत

रविद्र कुमार डीसी कैंप कार्यालय में क्लर्क है और अंजू की कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर ड्यूटी है। डीसी के कैंप और ऑफिस पर आने वाली लैंडलाइन काल को रिसीव कर वह डीसी से बात कराते हैं। 12 मार्च को रविद्र कुमार ड्यूटी पर था। तभी 15595450230 और 18312882683 नंबरों से काल आई। काल करने वाले ने बताया कि वह पीएमओ दिल्ली से बोल रहा है। काल करने वाले ने बताया कि प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा डीसी से बात करेंगे। इस पर उन्होंने काल ट्रांसफर कर डीसी से बात करा दी। इसके बाद 13 मार्च को डीसी कार्यालय में 1559725807 से काल आई। कॉल करने वाले प्रधान सचिव के पीए आशीष कुमार के नाम से परिचय कराया। उसने जयता नाम की युवती की नौकरी डीसी कार्यालय में रखने की बात कही, लेकिन डीसी के मीटिग में होने की वजह से बात नहीं हो पाई थी। बाद में डीसी को इस बारे में बताया तो उन्होंने नंबरों की जांच कराई। इसमें पाया गया कि तीनों नंबरों में से कोई भी पीएम के कार्यालय का नहीं है। शिकायत में कहा गया कि प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का नाम लेकर षड्यंत्र रचा गया है। इससे उच्च अधिकारी के पद की गरिमा को ठेस पहुंची है। साथ ही डीसी पर भी पद का दुरुपयोग कर बदनाम करने की कोशिश की गई है और उन्हें नौकरी देने के बारे में अलग-अलग नंबरों से कॉल कर गुमराह किया गया है। पुलिस का तंत्र नहीं पता लगा सका आरोपितों का

पुलिस कॉल करने वाले आरोपितों का पता नहीं लगा सकी है। इस युवती को नौकरी पर रखवाने के लिए कॉल की गई थी। पुलिस उस तक भी नहीं पहुंच सकी है। बताया जा रहा है कि यह मामला पहले एक अन्य स्टाफ को जांच के लिए दिया गया था। 15-20 दिन उन्होंने भी कॉल करने वाले का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन जानकारी नहीं मिल सकी। बाद में हुडा चौकी में यह मामला दर्ज करवाया गया। अभी ट्रेस नहीं हो पाए नंबर

जगाधरी सिटी थाना प्रभारी राकेश राणा का कहना है कि इंटरनेशनल नंबरों से काल की गई है। अभी यह ट्रेस नहीं हो पाए हैं। पुलिस तफ्तीश कर रही है।

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