आपदा में अवसर : महिलाओं ने तैयार कर दी 20 हजार पीपीई किट, 21 हजार मास्क
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन का महिलाएं फायदा उठा रही हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगे लॉकडाउन का महिलाओं ने सदुपयोग किया। आपदा को अवसर में बदलते हुए इन महिलाओं ने घर में रहकर 20 हजार पीपीई किट व 21 हजार मास्क तैयार कर दिए। अभी काम जारी है। पीपीई किट का प्रयोग डॉक्टर व कर्मचारी कोरोना से बचाव के लिए कर सकेंगे। ये महिलाएं स्वयं सहायता समुह से जुड़ी हुई हैं। इनका कहना है कि ऐसा कर उन्होंने लॉकडाउन का भी पालन किया और कोरोना से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों में उनके सहयोग की आहुति भी डल गई। ये महिलाएं गांव मोहड़ी, जठलाना व गुमथला की रहने वाली हैं।
अन्य महिलाएं भी साथ जुड़ीं
जठलाना की रीना रानी ने बताया कि वह 10वीं पास है। हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन रादौर की ओर से चलाए जा रहे स्वयं सहायता समुह से जुड़ी हुई है। कोरोना काल में अन्य कोई काम नहीं था। सिलाई-कढ़ाई में वह पूरी तरह दक्ष है। इसलिए यमुनानगर की एक एजेंसी से मिलकर उन्होंने पीपीई किट बनाने का निर्णय लिया। जठलाना, मोहड़ी व गुमथला की अन्य महिलाओं से संपर्क किया। इनमें अनीत, रेखा, रीतू शिमला, गीता,अंजु, निशा, कृष्णा, सिदर गुमथला से रीना, मोहड़ी से रेखा व खुर्दबन से अंजु शामिल हैं। इस बार कोरोना की दस्तक के साथ ही पीपीई किट व मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया। लॉकडाउन के दौरान एक-एक महिला सामान लेने आती है और शाम को तैयार कर दे जाती हैं।
एक किट तैयार करने के 15 रुपये
रीना ने बताया कि एक किट तैयार करने के 15 रुपये मिलते हैं। इसी प्रकार एक मास्क का एक रुपया। सामान व कटिग एजेंसी की ओर से होती है। महिलाओं को केवल सिलाई करनी है। एक महिला एक दिन 10-15 किट आराम से तैयार कर लेती हैं। खास बात यह है काम के लिए उनको दूरी भी तय नहीं करनी पड़ती। न ही किसी तरह की इन्वेस्टमेंट है। घर पर रहकर ही अच्छी कमाई कर सकती हैं। लॉकडाउन का पालन भी हो रहा है और सभी महिलाएं घर पर रहकर काम भी बेहतरी से कर रही हैं।
सैकड़ों महिलाएं आजीविका कमा रही हैं
हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर राज कुमारी का कहना है कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर सैकड़ों महिलाएं आजीविका कमा रही हैं। सरकार की ओर से इनको विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाता है। पीपीई किट बनाने के अलावा महिलाएं अन्य कार्य भी बेहतरी से कर रही हैं। काम शुरू करने से पहले इनको प्रशिक्षण भी दिया जाता है और आर्थिक मदद भी। महिलाओं को निरूत्साहित होकर घर नहीं बैठना चाहिए बल्कि अपने हुनर का प्रयोग कर आगे बढ़ना चाहिए।