जिन गलियों में ऑटो नहीं जा सकता वहां दमकल ने फैक्टरियां खोलने की दे रखी एनओसी

शहर की तंग गलियों में फैक्टरियां तो खुल गई लेकिन दमकल विभाग ने इन्हें एनओसी किस आधार पर दी क्योंकि जिन तंग गलियों में में ऑटो रिक्शा तक नहीं जा सकता वहां दमकल गाड़ी कैसे जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 08:10 AM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 08:10 AM (IST)
जिन गलियों में ऑटो नहीं जा सकता वहां दमकल ने फैक्टरियां खोलने की दे रखी एनओसी
जिन गलियों में ऑटो नहीं जा सकता वहां दमकल ने फैक्टरियां खोलने की दे रखी एनओसी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर की तंग गलियों में फैक्टरियां तो खुल गई लेकिन दमकल विभाग ने इन्हें एनओसी किस आधार पर दी, क्योंकि जिन तंग गलियों में में ऑटो रिक्शा तक नहीं जा सकता वहां दमकल गाड़ी कैसे जाएगी। मेटल, प्लाईवुड, केमिकल समेत अन्य फैक्ट्रियों की संख्या तो चार हजार से ज्यादा है लेकिन एनओसी इनमें आधे से कम के पास भी नहीं है। दिल्ली की फैक्ट्री में लगी आग में 43 लोगों की गई जान से भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया है। यदि दुर्भाग्य से किसी फैक्ट्री में हादसा हो गया तो उसका सारा दोष अपने ऊपर लेने की बजाय अधिकारी इसके मालिक पर भी डाल देंगे। जबकि सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर आंच तक नहीं आती।

गलियों के बीच में खड़े पोल, अंदर कैसे जाए गाड़ी

दैनिक जागरण की टीम ने सोमवार को जगाधरी में चल रही फैक्टरियों का जायजा लिया। टीम मुखर्जी पार्क में पहुंची। यहां गलियों में आबादी के बीच फैक्टरियां चल रही हैं। इन गलियों के बीचोबीच बिजली के पोल व ट्रांसफार्मर खड़े हैं। गली के बीच पोल लगा होने से अंदर एक ऑटो भी नहीं जा सकता। जिस गली में ऑटो नहीं जा सकता तो वहां पर दमकल की गाड़ी कैसे जाएगी। इतना ही नहीं कई गलियों के बीच में लोगों की कारें, बाइक खड़ी कर रखी हैं। आग लगने पर पहले इन वाहनों को हटाना पड़ेगा तब जाकर दमकल गाड़ी अंदर जा पाएगी। प्रशासन और अन्य विभाग हो गए हैं दिखावटी

सवाल उठता है कि क्या प्रशासन व उद्योगों से संबंधित विभाग केवल दिखावटी हैं? आखिर क्यों पूर्व के हादसों से कोई सबक नहीं लिया जा रहा? क्यों आग या किसी अन्य वजहों के चलते होने वाले हादसों से बचाव के उपाय समय-समय पर फैक्टरी में काम करने वाले मजदूरों और कर्मचारियों को नहीं बताएं जाते? फैक्ट्रियों में आग लगने के हादसा न हों इसके लिए मजदूरों को बचाव के उपाय क्यों नहीं बताए जाते। ये विभाग यदि श्रमिकों के जीवन की रक्षा नहीं कर सकते तो इन विभागों का फायदा ही क्या? दमकल के पास 18 गाड़ियां व पांच बाइक हैं

दमकल विभाग के पास कुल 18 गाड़ियां हैं। इनमें पांच बाइक तो 15-15 लीटर वाले सिलेंडर की हैं। एक गाड़ी 500 लीटर व तीन गाड़ियां 2000 लीटर पानी की क्षमता वाली हैं। बाकी गाड़ियां खजूरी रोड, जगाधरी, यमुनानगर समेत अन्य जगहों पर खड़ी होती हैं। इस वक्त शहर की आबादी साढ़े चार लाख व जिला की कुल आबादी करीब 14 लाख है। इस तरह गाड़ियों की संख्या 30 से ज्यादा होनी चाहिए।

रिकार्ड निकाल रहे हैं : प्रमोद दुग्गल

जिला दमकल अधिकारी प्रमोद दुग्गल ने बताया कि कितनी फैक्ट्रियों ने एनओसी ले रखी है, कितनी में खामियां हैं इसका रिकार्ड निकाला जा रहा है। वैसे तो दमकल गाड़ी सभी गलियों में जा सकती है। प्रत्येक गाड़ी में 1000 फुट लंबी पाइप लाइन होती है। जिसकी मदद से तंग गली में जाकर भी आग बुझा सकते हैं।

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