ठेंगे पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का नियम

ठेंगे पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का नियम।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 11:58 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jun 2018 11:58 PM (IST)
ठेंगे पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का नियम
ठेंगे पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का नियम

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बरसात के पानी का संचय नहीं हो पा रहा है। कारण कुछ और नहीं बल्कि शासन-प्रशासन की अनदेखी व जनता की लापरवाही है। हालांकि सरकार ने पांच सौ गज से ऊपर के भवन बनाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया हुआ है, लेकिन धरातल पर इन आदेशों का पालना नहीं हो पा रही है। कुछ सरकारी भवनों को छोड़कर बाकी जगह लापरवाही बरती जा रही है।

जिले में पांच सौ गज से ऊपर कोई भी भवन यदि बनाया जाता है, तो उसमें बारिश का जल संरक्षण करने के लिए वाटर रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना जरूरी होता है, ताकि बारिश का पानी व्यर्थ न बहे और उसका संचय हो सके। शहर लगातार कंकरीट के जंगल में परिवर्तित होता जा रहा है। कई मंजिले भवन बन रहे हैं। वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और औद्योगिक इकाइयों की बाढ़ आ रही है। ऐसे मामले भी सामने आते हैं, जिनमें कागजों में तो रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लग जाता है, लेकिन मौके पर ऐसा कुछ नहीं होता। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से भवन तो खड़ा हो जाता है, लेकिन वहां बारिश के पानी का संचय नहीं होता।

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नहीं लगे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

पर्यावरणविद डॉ. अजय गुप्ता यमुनानगर-जगाधरी में सैकड़ों बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं, लेकिन अधिकांश में बारिश के पानी का संचय करने के बंदोबस्त नहीं है। उद्योगपतियों की यह लापरवाही भविष्य के लिए गंभीर खतरा है। इतना ही नहीं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक नहीं लगे हैं। औद्योगिक इकाइयों की नियमित रूप से जांच की जानी जरूरी है। इकाई में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होना जरूरी है। इनसेट

संचय न होने का यह भी कारण

बारिश के पानी का संरक्षण न होने का बड़ा कारण जमीन का लगातार पक्की होना भी बताया जा रहा है। यमुना बचाओ समिति के अध्यक्ष किरण पाल का कहना है कि जमीन पर ईटें और टाइलें बिछाकर लगातार पक्की किया जा रहा है। न केवल शहरी, बल्कि गांवों के रिहायशी क्षेत्रों में अब कच्ची भूमि बहुत ही कम रह गई है। पहले कच्ची भूमि अधिक हुआ करती थी, जिससे बारिश के पानी का संरक्षण भी हो जाता था। हालात ऐसे हैं कि जहां जरूरी नहीं है, वहां भी पक्का किया जा रहा है। आमजन को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। बारिश के पानी का संरक्षण होना जरूरी है। इसके लिए सार्वजनिक स्थलों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाए हुए हैं। पांच सौ गज से अधिक भवन यदि बनाया जाता है, तो उसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाना जरूरी है। इस दिशा में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक भी किया जा रहा है। आज संचय किया गया जल कल काम आएगा। इसलिए बारिश के पानी का संचय करना जरूरी है। आमजन को भी इस दिशा में अपना सहयोग देना चाहिए।

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