इंटर कॉलेज प्रतियोगिता में मेजबान कॉलेज ने मारी बाजी

डीएवी ग‌र्ल्स कॉलेज के पंजाबी विभाग और गुरु गोविद सिंह स्टडी सर्कल के संयुक्त तत्वावधान में विसरदे अखर विषय पर इंटर कॉलेज प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उसमें 12 कॉलेजों की टीमों ने भाग लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Feb 2020 06:15 AM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 06:15 AM (IST)
इंटर कॉलेज प्रतियोगिता में मेजबान कॉलेज ने मारी बाजी
इंटर कॉलेज प्रतियोगिता में मेजबान कॉलेज ने मारी बाजी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : डीएवी ग‌र्ल्स कॉलेज के पंजाबी विभाग और गुरु गोविद सिंह स्टडी सर्कल के संयुक्त तत्वावधान में विसरदे अखर विषय पर इंटर कॉलेज प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उसमें 12 कॉलेजों की टीमों ने भाग लिया। कॉलेज की कार्यवाहक प्रिसिपल डॉ. विभा गुप्ता, पंजाबी विभागाध्यक्ष डॉ. गुरशनर कौर व स्टडी सेंटर के संचालक अजिद्र सिंह ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के गुरु नानक सिख अध्यक्ष विभाग के शोधार्थी परमवीर सिंह मुख्य वक्ता रहे। इसमें डीएवी ग‌र्ल्स कॉलेज यमुनानगर की टीम ने पहला पुरस्कार अर्जित किया, जबकि जीएनजी कॉलेज यमुनानगर की टीम ने दूसरा, एमएलएन कॉलेज यमुनानगर ने तीसरा व एमपीएम कॉलेज की टीम को सांत्वना पुरस्कार से नवाजा गया।

परमवीर सिंह ने कहा बोली के विकास के साथ ही मनुष्य का विकास होता है। बोली अपने आप में एक पूरा जहान है। हम जितना ज्यादा ज्ञान अपनी बोली में प्राप्त कर सकते हैं, उनका अन्य किसी भाषा में नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि बोली एक संवेदना है, जिसे अनुभव किया जा सकता है, अभिव्यक्त नहीं। पंजाबी की लिपि गुरमुखी है अर्थात गुरु के मुख से बोली हुई भाषा। यह सम्मान की बात है कि पंजाबी, गुरुओं के मुख से निकली हुई भाषा है। पंजाबी भाषा और मातृ भाषा को रेखांकित करते हुए जगाधरी से आए कवि सरदार रणजीत सिंह और भगत सिंह ने कविता सुनाकर सभी को सराबोर कर दिया। एमएलएन कॉलेज के प्रोफेसर निर्मल सिंह ने टप्पे सुनाकर कार्यक्रम को संगीतमयी बना दिया। डॉ. गुरशरन कौर ने कहा कि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का उद्देश्य पंजाबी भाषा की प्राचीन शब्द परंपरा,साहित्य की महत्ता से अवगत कराना रहा।

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