सरकारों में सहमति न बनने से देरी से लागू हुआ जीएसटी : डॉ. अनिल
जागरण संवाददाता यमुनानगर तिलक राज चड्ढा प्रबंधन और तकनीकी संस्थान में मैनेजमेंट संकाय
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : तिलक राज चड्ढा प्रबंधन और तकनीकी संस्थान में मैनेजमेंट संकाय के प्रथम तथा अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स पर व्याख्यान आयोजित किया गया। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनिल अंग्रिश ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स पर हमारी सरकार वर्ष 2006 से विचार कर रही है, लेकिन देश में विभिन करों जैसे वेल्थ टैक्स, इनकम टैक्स होने की वजह से और केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के एक ही बात पर सहमति न होने की वजह से इसे पूर्ण रूप से लागू करने में देरी हो गई।
गुड्स एंड सर्विस टैक्स एक वन नेशन वन टैक्स है। इसके कईं फायदे हैं। एक व्यापारी अपने खरीदे गए कच्चे माल पर दिया गया। टैक्स वापस ले सकता है। इसे इनपुट टैक्स क्रेडिट कहते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को गुड्स एंड सर्विस टैक्स की सरकार की ओर से निश्चित स्लैब रेट भी बताए। अभी भी केंद्र सरकार इसकी दरों को पूर्ण रूप से तह नहीं कर पाई है। देश में इसको तह करने में केंद्र सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। संस्थान के निदेशक डॉ. विकास दरयाल ने व्याख्यान को विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण बताया।