बस सेवा न होने का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण

यमुना के किनारे बसा बरेड़ी गांव शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में पिछड़ रहा है। शिक्षण संस्थानों तक पहुंचने के लिए बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Nov 2018 06:45 PM (IST) Updated:Fri, 02 Nov 2018 06:45 PM (IST)
बस सेवा न होने का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण
बस सेवा न होने का खामियाजा भुगत रहे ग्रामीण

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : यमुना के किनारे बसा बरेड़ी गांव शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में पिछड़ रहा है। शिक्षण संस्थानों तक पहुंचने के लिए बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि गांव से यमुनानगर तक बस सर्विस शुरू की जाए। सबसे अधिक दिक्कत छात्राओं को हो रही है। 10वीं पास करने के बाद स्कूल छोड़ना इनकी मजबूरी हो चुकी है। ग्रामीणों के अनुसार साक्षरता दर करीब 70 प्रतिशत है, लेकिन गांव से शहर तक बस की व्यवस्था हो जाए तो स्कूल न जाने वाले बच्चों को स्कूल की राह मिल सकती है।

ग्रामीण नरेंद्र राणा का कहना है कि गांव से बस सुविधा नहीं है और न ही विभिन्न शिक्षण संस्थानों की बसें गांव में जाती हैं। बच्चों को बाइक या कार से ही स्कूल व कॉलेज छोड़कर आना पड़ता है, लेकिन सभी ऐसा नहीं कर सकते हैं। सभी के पास मोटर साइकिल या कार नहीं है। ऐसी स्थिति में विशेष रूप से लड़कियां शिक्षण संस्थानों में जाने से वंचित रह रही हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के सपने को साकार करने के लिए बेटियों को सुविधाएं देना भी जरूरी है। गांव में बस सर्विस शुरू की जाए। इनसेट

ग्रामीण पवन कहते हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं को बुरा हाल है। स्वास्थ्य केंद्र न होने के कारण कलानौर जाना पड़ता है। कई किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद भी उपचार नहीं मिल पाता। कभी अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिलते तो कभी दवाइयां नहीं मिलतीं। आपात स्थिति में ग्रामीणों केा अधिक परेशानी झेलनी पड़ती है। गांव में एक स्वास्थ्य केंद्र होना जरूरी है। क्योंकि यह गांव यमुनानगर व जगाधरी शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर पड़ता है। उनका कहना है कि शिक्षा व चिकित्सा की सुविधा दुरुस्त होनी चाहिए।

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