जल संरक्षण पुरस्कार में रुचि नहीं ले रही पंचायतें

जल संरक्षण पर सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है लेकिन यह शायद कागजों में ही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Aug 2019 08:55 AM (IST) Updated:Tue, 06 Aug 2019 06:40 AM (IST)
जल संरक्षण पुरस्कार में रुचि नहीं ले रही पंचायतें
जल संरक्षण पुरस्कार में रुचि नहीं ले रही पंचायतें

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

जल संरक्षण पर सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन यह शायद कागजों में ही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 15 अगस्त पर जल संरक्षण का पुरस्कार देने के लिए पब्लिक हेल्थ विभाग की ओर से आवेदन मांगे थे। इसमें किसी भी पंचायत ने कोई आवेदन ही नहीं किया। अब तक की स्थिति को देखकर ऐसा ही लग रहा है कि इस बार यह पुरस्कार खाली रह सकता है।

सरकार ने करीब सात साल से जल संरक्षण के लिए ग्राम पंचायतों को हर वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को पुरस्कार देकर सम्मानित करती है। योजना के तहत दो हजार की आबादी वाली पंचायत को 20 हजार, तीन हजार की आबादी वाली पंचायत को 30 हजार, चार हजार की आबादी वाली पंचायत को 40 हजार और इससे ऊपर की आबादी वाली पंचायत को 50 हजार रूपये की राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाती है। यह राशि भी गांव में जल संरक्षण को लेकर ही खर्च की जाती है। इसके तहत यह भी जरूरी है कि गांव में 75 फीसदी पानी के वैध कनेक्शन होने चाहिए और सभी नलों पर टैब लगी होनी चाहिए। कमेटी भी सिर्फ नाम के लिए

गांवों में जल संरक्षण के लिए कमेटियां बनाई गई, लेकिन यह कमेटियां भी केवल नाम की रह गई हैं। गांवों में कोई भी एक्टीविटी यह कमेटियां नहीं करती। तत्कालीन डीसी गिरीश अरोड़ा ने पंचायत भवन में बैठक के दौरान भी इसको लेकर गंभीरता दिखाई थी। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई थी कि कमेटियां कार्य नहीं कर रही हैं, तो अधिकारियों को कार्य करना चाहिए। विभाग के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि जल संरक्षण के प्रति वह लोगों को जागरूक करें। उनका तबादला होने के बाद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। अपील के बाद भी नहीं आया कोई आवेदन

जन स्वास्थ्य विभाग ने प्रचार-प्रसार कर ग्राम पंचायतों से पुरस्कार के लिए आवेदन करने की अपील की, लेकिन कोई आवेदन नहीं आया। 15 अगस्त को चयनित पंचायतों को पुरस्कृत किया जाना है। अब ऐसे में इसकी एक ही वजह हो सकती है कि ग्राम पंचायतें विभाग के लगाए गए नियमों पर खरा नहीं उतर रही हैं। विभाग की ओर से गांवों में जल संरक्षण को लेकर किए जाने वाले कार्य भी दिखावा साबित हो रहे हैं।

कोट्स :

जन स्वास्थ्य विभाग के वासो की जिला सलाहकार रजनी गोयल का कहना है कि जल संरक्षण की मुहिम में यमुनानगर जिला अभी तक अव्वल है। योजना के तहत 102 ग्राम पंचायतों को इनाम मिल चुका है। पहले स्थान पर यमुनानगर, दूसरे पर कुरूक्षेत्र और तीसरे पर कैथल जिला है। विभाग की ओर से जागरूकता मुहिम जोरों से चल रही है। इन दिनों सक्षम टीमें गांवों में हाउस होल्ड सर्वे कर रही हैं। अभी तक हमारे पास कोई आवेदन जल संरक्षण पुरस्कार के लिए नहीं आया है। इस बारे में पंचायतों से संपर्क किया जा रहा है।

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