हिना की सुबह जहां से डोली उठी शाम को वहीं से उठाना पड़ा जनाजा

हिना का निकाह लुधियाना निवासी अंजुम के साथ धूमधाम से हुआ। लेकिन दुल्हन इससे पहले की ससुराल पहुंचती उसकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 29 Apr 2019 08:29 PM (IST) Updated:Tue, 30 Apr 2019 09:02 PM (IST)
हिना की सुबह जहां से डोली उठी शाम को वहीं से उठाना पड़ा जनाजा
हिना की सुबह जहां से डोली उठी शाम को वहीं से उठाना पड़ा जनाजा

जेएनएन, यमुनानगर। आत्मापुरी की रहने वाली हिना की सुबह जहां से डोली उठी थी शाम को वहीं से जनाजा उठाना पड़ा। हुआ यूं कि रविवार रात को कमल पैलेस में नूर मोहम्मद की बेटी 22 वर्षीय हिना का निकाह लुधियाना निवासी अंजुम के साथ धूमधाम से हुआ।

हिना के ससुर नजीमउल्लाह ने सोमवार तड़के तीन बजे डोली विदा करने के लिए कहा, लेकिन चलते-चलते चार बज गए। यहां से एक गाड़ी में ससुराल पक्ष के लोग और दूसरी गाड़ी में दुल्हन हिना, उसकी छोटी बहन रुखसाना, शौहर अंजुम, उसकी भाभी और दस वर्षीय भतीजी रवाना हो गए। चूंकि रात को सब थक गए थे, इसलिए थोड़ा आराम करने के बाद दिन में ट्रक से हिना का सामान भिजवाने की तैयारी थी। 

घटनास्थल पर दुल्हन समेत चार लोगों की मौत से स्तब्ध खड़ी भीड़।

करीब साढ़े आठ बजे हिना के ससुर नजीमउल्लाह का फोन आया। उनकी ओर से कहा गया कि हम बर्बाद हो गए। रास्ते में दूल्हे की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। हमारी और आपकी बेटी नहीं रही। इतना सुनते ही खुशी का माहौल मातम में बदल गया। खबर सुनते ही परिवार ने रोना शुरू कर दिया। वहीं नूरमोहम्मद अपने बेटों अमिताब, नासिर, आफताब और आसिफ के लुधियाना के अपोलो अस्पताल के लिए रवाना हुए। वहां दामाद अंजुम जिंदगी और मौत से जूझ रहा था, जबकि छोटी बेटी रुखसाना भी बुरी तरह से जख्मी थी।

दोनों परिवारों की पहले से थी जान पहचान

घर पर मौजूद हिना के जीजा गुजरात के बड़ौदा निवासी जावेद और साबरा बेगम ने बताया कि नूरमोहम्मद करीब चार साल पहले बिहार के जिला सीवान के पैतृक गांव चौकीहसन से यहां आया था। नजीमउल्लाह और उनके परिवारों की पहचान पहले से ही थी। जावेद ने बताया कि लड़के पक्ष का परिवार भी बिहार के छपरा का रहने वाला है। काफी समय पहले वह लुधियाना में बस गए थे और यहीं पर उनका कपड़े का कारोबार है। हिना की शादी में शरीक होने उसका एक भाई अमिताब दुबई से तो दूसरा भाई आफताब कुवैत से आया था। 

शव को पहले ले गए थे ससुराल

जावेद ने बताया कि हिना का शव उसके ससुराल में लेकर गए थे। वहां भी तीन मौतें हुई है। परिवार पूरी तरह से गमजदा था। ऐसे में वहां के हालत देखकर परिवार ने फैसला लिया है कि हिना को अंतिम विदाई मायके से ही दी जाएगी। यहां से उसको सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

सुबह-सुबह हुई भीषण टक्कर में कार के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए।

चार बहनों में तीसरे नंबर पर थी हिना

मृतका हिना चार बहनों में तीसरे नंबर की थी। इससे छोटी रुखसाना थी, जो निजी कंपनी में इंजीनियर है। हिना का एक भाई नासिर काट्रांसपोर्ट और डीजे का काम है। वहीं अमिताब और शौकत दुबई रहते हैं और एक भाई आफताब कुवैत में है। सबसे छोटा आसिफ घर पर रहता है।

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