महिला पार्षद को अश्लील मैसेज भेजने के आरोप से पूर्व डिप्टी मेयर रामपाल बरी

महिला पार्षद को अश्लील मैसेज भेजने के आरोप से पूर्व डिप्टी मेयर रामपाल बरी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 May 2019 09:37 AM (IST) Updated:Fri, 24 May 2019 09:37 AM (IST)
महिला पार्षद को अश्लील मैसेज भेजने के आरोप से पूर्व डिप्टी मेयर रामपाल बरी
महिला पार्षद को अश्लील मैसेज भेजने के आरोप से पूर्व डिप्टी मेयर रामपाल बरी

संवाद सहयोगी, जगाधरी: महिला पार्षद को अश्लील मैसेज भेजने व छेड़छाड़ के आरोप में घिरे जगाधरी-यमुनानगर नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर रामपाल को सिविल जज जूनियर डिविजन रजत वर्मा की कोर्ट ने बरी कर दिया है। एडवोकेट सतिंद्र पाल ढांडा ने बताया कि शिकायतकर्ता महिला कोर्ट से हास्टाइल (पेश न होने पर) हो गई थी। इसके आधार पर रामपाल को बरी किया गया है। महिला थाने में दर्ज हुआ था छेड़छाड़ का केस

14 जुलाई 2017 को नगर निगम के डिप्टी मेयर रामपाल के खिलाफ महिला थाना पुलिस ने महिला पार्षद से छेड़छाड़ के आरोप में केस दर्ज किया था। इसमें पार्षद ने डिप्टी मेयर रामपाल पर उनके मोबाइल पर अश्लील फोटो, जोक्स और वीडियो भेजने के आरोप लगाए थे। शिकायत में महिला पार्षद ने बताया कि उनका नगर निगम यमुनानगर कार्यालय में आना-जाना रहता है। जब भी निगम के डिप्टी मेयर रामपाल उनसे मिलते हैं तो वह उस पर भद्दे कमेंट करते थे। कुछ दिन तो वह उनकी हरकतों को बर्दाश्त करती रही, मगर कुछ दिन पहले डिप्टी मेयर रामपाल उनके मोबाइल पर अश्लील फोटो, जोक्स और वीडियो भेजने लगे। तब इस बारे में डिप्टी मेयर रामपाल से बात की तो वह उल्टा उन्हें ही बदनाम करने लगे। परेशान होकर उन्होंने इसकी सूचना एसपी और महिला पुलिस को दी। पुलिस ने मामले की जांच के बाद आरोपी डिप्टी मेयर रामपाल के खिलाफ 354 ए के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। हाई कोर्ट से ली थी जमानत

महिला पार्षद द्वारा छेड़छाड़ का आरोप लगाने के बाद डिप्टी मेयर ने अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायधीश पूनम सुनेजा की कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। इसे कोर्ट ने 20 जुलाई को खारिज कर दिया। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली। जहां से उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके बाद पूर्व डिप्टी मेयर रामपाल मीडिया से रूबरू हुए। उन्हें कहा कि यदि उन पर लगाए आरोप सिद्ध होते हैं तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। साथ ही कहा कि, तब तक नगर निगम कार्यालय नहीं जाएंगे, जब तक खुद को बेकसूर साबित न कर दें। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में फंसाने के बाद उनसे रुपये की मांग भी की गई थी, लेकिन उन्हें न्याय पालिका पर पूरा विश्वास है और वह पुलिस की मदद के साथ साथ उन्हें बेनकाब करने में कामयाब भी होंगे।

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