अब चेसिस नंबरों की जांच के बाद ही तैयार होंगे वाहनों के दस्तावेज

आरसी फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद करीब एक माह से बंद पड़े कार्यालय में काम काज शुरू होने को है। अब नई व्यवस्था के तहत काम होगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 05:53 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 05:53 AM (IST)
अब चेसिस नंबरों की जांच के बाद ही तैयार होंगे वाहनों के दस्तावेज
अब चेसिस नंबरों की जांच के बाद ही तैयार होंगे वाहनों के दस्तावेज

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

आरसी फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद करीब एक माह से बंद पड़ा दस्तावेजों का कार्य बुधवार से शुरू हो गया। अब सभी वाहनों के चेसिस नंबरों की जांच के बाद ही दस्तावेज तैयार किए जाएंगे। इसके लिए वर्ष 2017 तक चल रहे सिस्टम के आधार पर ही वाहनों के चेसिस नंबरों की जांच की जाएगी, ताकि किसी तरह का फर्जीवाड़ा न हो सके। जगाधरी एसडीएम कार्यालय में वाहनों के चेसिस नंबर में बदलाव कर ही फर्जीवाड़ा किया गया था। इसलिए ही यह व्यवस्था की गई है। एसडीएम रादौर सुशील कुमार ने बताया कि सभी वाहनों की ट्रेसिग करने के बाद ही दस्तावेज तैयार किए जाएंगे। कार्य शुरू कर दिया गया है। वीरवार से लर्निंग लाइसेंस भी बनने शुरू हो जाएंगे।

उधर, आरसी फर्जीवाड़े में रिमांड पर चल रहे कंप्यूटर आपरेटर अमित व एमआरसी राजेंद्र डांगी फिलहाल तीन-तीन दिन के रिमांड पर हैं। इसके साथ ही डीलर सुनील चिटकारा भी रिमांड पर है। इन आरोपितों से पूछताछ के बाद एसआइटी वाहनों को रिकवर करने में लगी है। इसके साथ ही कुछ अन्य कर्मियों के नाम भी सामने आए हैं। उनसे भी एसआइटी पूछताछ कर रही है। कई जिलों में बेचे वाहन :

आरोपितों से अब तक की पूछताछ में सामने आया कि यहां से वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर डीलरों व एजेंटों के माध्यम से दूसरे जिलों में बेचे जाते थे। यहां से गुरुग्राम, सोनीपत व रोहतक में सबसे अधिक वाहन बेचे गए। ऐसे में इन जिलों के डीलरों पर भी पुलिस की नजर है। दो डीलर सोनीपत निवासी कृष्ण व रोहतक निवासी रामनिवास की भी तलाश में भी एसआइटी लगी है, लेकिन अभी तक वह पकड़ में नहीं आ सके।

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