फसलों के लाभकारी मूल्य दिए जाने की मांग, किसानों ने सौंपा ज्ञापन

फसलों के लाभकारी मूल्य दिए जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने ब्लाक स्तर पर अधिकारियों के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजे। आरोप है कि सरकार फसलों के लाभकारी मूल्य नहीं दे रही है। जिसके चलते किसान आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। जिला सचिवालय में एसडीएम सुशील कुमार रादौर में तहसीलदार व बिलासपुर में एसडीएम जसपाल सिंह गिल को ज्ञापन दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Jan 2022 06:16 PM (IST) Updated:Tue, 11 Jan 2022 06:16 PM (IST)
फसलों के लाभकारी मूल्य दिए जाने की मांग, किसानों ने सौंपा ज्ञापन
फसलों के लाभकारी मूल्य दिए जाने की मांग, किसानों ने सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

फसलों के लाभकारी मूल्य दिए जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने ब्लाक स्तर पर अधिकारियों के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजे। आरोप है कि सरकार फसलों के लाभकारी मूल्य नहीं दे रही है। जिसके चलते किसान आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। जिला सचिवालय में एसडीएम सुशील कुमार, रादौर में तहसीलदार व बिलासपुर में एसडीएम जसपाल सिंह गिल को ज्ञापन दिया।

किसानों को उठाना पड़ रहा नुकसान :

प्रदेश महामंत्री रामबीर चौहान ने बताया कि भारतीय किसान संघ की ओर से पूरे देश में जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें मुख्य रूप से फसलों का लाभकारी मूल्य दिए जाने की मांग सरकार से की जा रही है। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य उन्हें नहीं मिल रहा। जिस कारण गरीब व कर्जदार होता जा रहा है। वहीं, जिस पाम आयल का सरकार आयात कर रही है। उसके आयात पर रोक लगाई जाए। पाम आयल स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा नहीं है। देश में तिलहन के किसानों को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, 15 साल पुराने ट्रैक्टर को उस कानून से बाहर किया जाए जिसमें 15 साल पुराने डीजल वाहनों पर पाबंदी लगाई है। इसे बढ़ाकर 25 साल किया जाए। क्योंकि 15 वर्ष में तो किसान ट्रैक्टर से कर्ज मुक्त होता है। पहले भी कराया जा चुका अवगत :

रामबीर चौहान ने कहा कि खाद की समस्या, बिजली से संबंधित समस्या के साथ साथ प्रदेश के किसानों की अन्य समस्याओं को लेकर प्रदेश सरकार को कई बार अवगत करवाया जा चुके है। सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है। जिससे किसान के हालात बद से बदतर हो चुके हैं। किसानों फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा। जिस कारण किसानों की आर्थिक दशा कमजोर होती जा रही है। वहीं स्थानीय मुद्दे यूरिया की कमी को पूरा करना, जंगली जानवरों से फसल को बचाने के लिए खेत के चोरों ओर तार लगाने 90 प्रतिशत अनुदान, सरकारी गन्ना विभाग द्वारा गन्ने का सर्वे कराया जाए, ताकि निजी शुगर मिल मनमानी न कर सके, किसानों को जल्द से जल्द नए बिजली कनेक्शन देना व एनएच 344 पर अंडर पास बनाए जाने इत्यादि मांगे भी पूरी किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने किसानों को केवल वोट बैंक समझकर इस्तेमाल किया है। उनकी समस्याओं का निवारण किसी भी राजनीतिक दल ने नहीं किया। प्रदेश प्रेस प्रवक्ता विकास राणा, मौके पर मान सिंह आर्य, बिलासपुर से विश्वास शर्मा, प्रताप सिंह, प्रदीप कांबोज, सुशील कांबोज, सुरेश पाल, राज कुमार व अन्य उपस्थित थे।

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