सात से 10 मीटर होगी शहर की लाइफ लाइन, डेढ़ साल में पूरा होगा काम

दो साल बाद आखिर शहर की लाइफ लाइन पुराना नेशनल हाईवे (कलानौर-कैल तक) के चौड़ीकरण का काम शुरू हो गया है। सात मीटर चौड़ा हाइवे अब 10 मीटर हो जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Sep 2019 07:30 AM (IST) Updated:Wed, 25 Sep 2019 07:30 AM (IST)
सात से 10 मीटर होगी शहर की लाइफ लाइन, डेढ़ साल में पूरा होगा काम
सात से 10 मीटर होगी शहर की लाइफ लाइन, डेढ़ साल में पूरा होगा काम

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : दो साल बाद आखिर शहर की लाइफ लाइन पुराना नेशनल हाईवे (कलानौर-कैल तक) के चौड़ीकरण का काम शुरू हो गया है। सात मीटर चौड़ा हाइवे अब 10 मीटर हो जाएगा। कलानौर-कैल बाइपास को एनएच-344 घोषित करने के बाद इस मार्ग को पीडब्ल्यूडी के अधीन हो गया था। वन विभाग से पेड़ों को काटे जाने की अनुमति न मिलने के कारण यह परियोजना अटकी हुई थी। इस पर करीब 46 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह मार्ग यमुनानगर और जगाधरी दोनों शहरों से गुजरता है।

सड़क हादसों से मिलेगी राहत

रोड की चौड़ाई कम है। कई जगह दोनों ओर अतिक्रमण भी है। लोकल सहित उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली जाने के लिए वाहन चालक इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं। ऐसे में यहां जाम भी लगता है और सड़क हादसों का ग्राफ भी बढ़ रहा है। हालांकि कई बार इस मार्ग को चौड़ा किए जाने की बात उठी, लेकिन आज तक किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। इस मार्ग के चौड़ा हो जाने के बाद कई राज्यों के लोगों को फायदा होगा।

यहां स्थिति अधिक खराब

कलानौर से लेकर कलानौर तक यह मार्ग 22 किलोमीटर है। लक्कड़ मंडी भी इसी मार्ग है। वाहनों तादाद के लिहाज से मार्ग की चौड़ाई पहले ही कम है। सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण और भी परेशानी बढ़ा रहा है। दुकानदारों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। कन्हैया चौक से आगे और जगाधरी बस स्टैंड के आसपास स्थिति ज्यादा खराब है। इस मार्ग पर कई बड़े प्रतिष्ठान भी हैं, लेकिन उनके पास पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण सड़कों पर ही वाहन खड़े होते हैं। दिन के समय भी यहां जाम की स्थिति बनी रहती है।

पेड़ काटने की अनुमति मिलते ही चुनाव आचार संहिता लगने से पहले काम शुरू करा दिया है। ठेकेदार को डेढ़ साल का समय दिया गया है। कलानौर से लेकर कैल गांव तक यह रोड चौड़ा किया जाएगा। जिले के वाहन चालकों के साथ ही बाहरी राज्यों में आवागमन भी सुगम हो सकेगा।

ऋषि सचदेवा, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी।

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