पीएमओ ऑफिस के प्रधान सचिव का नाम लेकर डीसी को फर्जी फोन करने के मामले की जांच सीआइए टू को
पीएमओ ऑफिस के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का नाम लेकर डीसी को फर्जी फोन करने वाले के आगे पुलिस का तंत्र फेल हो गया है। केस दर्ज होने के करीब डेढ़ माह बाद भी कॉल करने वालों का पता नहीं लग सका।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
पीएमओ ऑफिस के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा का नाम लेकर डीसी को फर्जी फोन करने वाले के आगे पुलिस का तंत्र फेल हो गया है। केस दर्ज होने के करीब डेढ़ माह बाद भी कॉल करने वालों का पता नहीं लग सका। अब इस मामले की जांच सीआइए टू को दी गई है। मामले में डीसी कैंप कार्यालय के क्लर्क रविद्र कुमार की ओर से हुडा चौकी में केस दर्ज करवाया गया था।
यह दी गई थी पुलिस को शिकायत रविद्र कुमार डीसी कैंप कार्यालय में क्लर्क है और अंजू की कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर ड्यूटी है। डीसी के कैंप व ऑफिस पर आने वाली लैंडलाइन कॉल को रिसीव कर वह डीसी से बात करवाते हैं। 12 मार्च को रविद्र ड्यूटी पर था। तभी 15595450230 और 18312882683 नंबरों से कॉल आई। कॉल करने वाले ने बताया कि वह पीएमओ दिल्ली से बोल रहा है। कॉल करने वाले ने बताया कि प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा डीसी से बात करेंगे। जिस पर उन्होंने कॉल ट्रांसफर कर डीसी से बात करवा दी।
इसके बाद 13 मार्च को डीसी कार्यालय में 1559725807 से कॉल आई। कॉल करने वाले प्रधान सचिव के पीए आशीष कुमार के नाम से परिचय करवाया। उसने जयता नाम की युवती की नौकरी डीसी कार्यालय में रखने की बात कही, लेकिन डीसी के मीटिग में होने की वजह से बात नहीं हो पाई थी। बाद में डीसी को इस बारे में बताया गया तो उन्होंने नंबरों की जांच करवाई। जिसमें पाया गया कि तीनों नंबरों में से कोई भी पीएमओ के कार्यालय का नहीं है।
पुलिस का तंत्र नहीं पता लगा सका आरोपितों का
पुलिस कॉल करने वाले आरोपितों का पता नहीं लगा सकी है। जिस युवती को नौकरी पर रखवाने के लिए कॉल की गई थी। पुलिस उस तक भी नहीं पहुंच सकी है।
जगाधरी सिटी थाना प्रभारी राकेश राणा का कहना है कि इंटरनेशनल नंबरों से कॉल की गई है। अब इस केस की जांच सीआइए टू कर रही है। उनके हाथ कुछ सुराग भी लगे हैं। वहीं सीआइए टू प्रभारी श्रीभगवान यादव ने बताया कि केस में हमारे हाथ सुराग लग गए हैं। जल्द ही इसका पर्दाफाश हो जाएगा।
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