पाकिस्तान की रेलवे लाइन के नीचे सुरंग बना किया था पाक सेना पर हमला

दोनों ओर की फौज आमने-सामने थी। दनादन गोले बरसाये जा रहे थे पाक सेना को भौतिक परिस्थितियों का लाभ मिल रहा था। सीमा पर ही टैंक तैनात कर रखे थे। हमारी टुकड़ी ने कई पाक सैनिकों को मार गिराया था पर हमारे साथी भी शहीद हो रहे थे। अपने जवानों का बहता खून हमारी टुकड़ी के लीडर ने जवानों को बुला कहा ऐसे तो हम दुश्मन सेना को आसानी से नहीं मार पाएंगे। हमें भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। अब एक ही रास्ता है कि पाक की रेलवे लाइन से के नीचे-नीचे सुरंग बना पाक के मुख्य बंकर तक पहुंच उसे नष्ट करें पर करेगा कौन यह बड़ा सवाल है। कैप्टन की बात सुनते ही सभी जवान तैयार हो। एक टुकड़ी पाक सैनिकों को उलझाए हुए थी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Dec 2018 06:04 PM (IST) Updated:Wed, 12 Dec 2018 06:04 PM (IST)
पाकिस्तान की रेलवे लाइन के नीचे सुरंग बना किया था पाक सेना पर हमला
पाकिस्तान की रेलवे लाइन के नीचे सुरंग बना किया था पाक सेना पर हमला

सतीश राघव, सोहना (गुरुग्राम) : दोनों ओर की फौज आमने-सामने थी। दनादन गोले बरसाये जा रहे थे। पाक सेना को भौतिक परिस्थितियों का लाभ मिल रहा था। सीमा पर ही टैंक तैनात कर रखे थे। हमारी टुकड़ी ने कई पाक सैनिकों को मार गिराया था पर हमारे साथी भी लगातार शहीद हो रहे थे। अपने जवानों का बहता खून देखकर हमारी टुकड़ी के लीडर ने जवानों को बुलाकर कहा कि ऐसे तो हम दुश्मन सेना को आसानी से नहीं मार पाएंगे। हमें भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। अब एक ही रास्ता है कि पाक की रेलवे लाइन के नीचे-नीचे सुरंग बना पाक के मुख्य बंकर तक पहुंच उसे नष्ट करें। पर करेगा कौन, यह बड़ा सवाल है। कैप्टन की बात सुनते ही सभी जवान तैयार हो गए। एक टुकड़ी पाक सैनिकों को उलझाए हुए थी जबकि दूसरी टुकड़ी सुरंग की खोदाई में लगी रही। आखिरकार दूसरे दिन ही सुरंग बनाने में सफल हो गए। यह कहना है 1971 की लड़ाई में अदम्य साहस दिखाने वाले पूर्व सैनिक फतेह ¨सह का।

गांव भोंडसी निवासी फतेह ¨सह उस वक्त सेना में नायक के पोस्ट पर थे। आगे वह बताते हैं कि 5 दिसंबर 1971 को हमारी 16 राजपूत बटालियन ने पाकिस्तान के शाहपुर पोस्ट पर हमला बोल दिया था। रेल लाइन के नीचे से सुरंग बनाकर पाक पोस्ट के सामने एलएमजी लगा गोली चलाई गई तो पाक के 23 सैनिक मारे गए। साथियों को मरते देख आठ सैनिक भागने लगे तो उन्हें हमारी टुकड़ी ने दबोच लिया था। बात युद्ध की शुरू हुई तो बुजुर्ग फतेह ¨सह की आंखों में पाक के प्रति ना सिर्फ गुस्सा झलका बल्कि उनकी भुजाएं भी फड़क रही थी। उन्होंने बताया कि योजना बनाने से पहले उन्हें साथी लांस नायक विजय ¨सह राघव के साथ कैप्टन ने सीमा पार रेकी करने के लिए भेजा था। रात के अंधेरे में सही तरीके से रेकी करने के बाद ही सुरंग बनाने की योजना बनाई गई थी।

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