कोहरे में सुरक्षित सफर का उपाय है सावधानी

कोहरे और अंधेरे में दृश्यता कम होने से हादसों की आशंका बढ़ जाती है। ज्यादातर हादसे चालक की लापरवाही से होते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 06:35 PM (IST) Updated:Sun, 15 Dec 2019 06:16 AM (IST)
कोहरे में सुरक्षित सफर का उपाय है सावधानी
कोहरे में सुरक्षित सफर का उपाय है सावधानी

जागरण संवाददाता, सोनीपत : कोहरे और अंधेरे में दृश्यता कम होने से हादसों की आशंका बढ़ जाती है। ज्यादातर हादसे चालकों की लापरवाही से होते हैं। सुरक्षित सफर के लिए 10 साल से समाजसेवी संदीप बत्रा अभियान चला रहे हैं। सड़क सुरक्षा संगठन के नाम से वह लोगों को कैंप लगाकर सुरक्षित सफर की जानकारी देने के साथ ही फेसबुक व वाट्सएप पर जागरूक कर रहे हैं। वह रोजाना सौ लोगों को मैसेज भेजकर बताते हैं कि वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करने के साथ ही तीव्र मोड़, अवैध कट, अंधे मोड़ और ब्लैक स्पॉट को ध्यान में रखकर चलने में ही सुरक्षा है।

हादसों में होने वाली मौतों की संख्या किसी भी बीमारी से मरने वालों से ज्यादा है। रोजाना कई लोगों की जान हादसों में जाती है। परिवहन प्राधिकरण के रिकार्ड के अनुसार यातायात के नियमों का पालन करने से हादसों में 70 फीसद से ज्यादा कमी लाई जा सकती है। सीट बेल्ट लगाने और हेलमेट पहनने से ही 25 से 30 फीसद लोगों की जान बच सकती है। रोजाना होने वाले हादसों के बावजूद चालक लापरवाही करते हैं। मोबाइल का प्रयोग करने, डिपर व इंडीकेटर का प्रयोग न करने और लाइट को लो बीम पर न करने के कारण कई हादसे होते हैं। ओवरस्पीड और रॉन्ग साइड ड्राइविग हादसों के बड़े कारणों में से एक है। लोगों को इन्हीं मूलभूत सुरक्षा नियमों की जानकारी संदीप बत्रा 10 साल से दे रहे हैं।

संदीप बत्रा ने बताया कि कई जगह घना कोहरा होने और दृश्यता कम होने से सड़क साफ नहीं दिखती है। ऐसे में बड़ी सावधानी से वाहन चलाने की जरूरत है। सबसे ज्यादा परेशानी तीव्र मोड़ और अवैध कटों से होती है। चालकों को अंधे मोड़ का तो अंदाजा ही नहीं हो पाता है। यह ऐसे स्थान हैं जहां पर जरा सी चूक से हादसे आशंका बढ़ जाती है। एनएच-44, केजीपी व केएमपी पर होते हैं सबसे ज्यादा हादसे

जिले में सबसे ज्यादा हादसे एनएच-44, केजीपी, केएमपी, मेरठ-सोनीपत-रोहतक स्टेट हाईवे और गोहाना-जींद-सोनीपत स्टेट हाईवे पर होते हैं। सबसे ज्यादा ब्लैक स्पॉट एनएच-44 पर हैं। इनके अलावा तीव्र मोड़, संकरी पुलिया, संकरे पुल, अवैध कट के साथ ही जहां से तहां से हाईवे पर मिल रहे रास्ते भी हादसों का कारण बनते हैं। बहालगढ़ मोड़, महाराणा प्रताप चौक, बीसवां मील चौक, राई मोड़, एथलीट इंडिया मोड़ और मुरथल कट आदि ऐसी जगह हैं, जहां पर हादसे होने की आशंका अधिक रहती है। कोहरे में मार्ग की पूरी स्थिति पहले से पता कर लें। तीव्र मोड़ और संकरे मार्ग के आसपास सावधानी से चलें। वाहनों की गति धीमी रखें। हेडलाइट को लो-बीम पर रखें और फॉग लाइट का प्रयोग करें। वाहन चलाते समय किसी से बात न करें।

- विक्रम सिंह, आरएसए, हाईवे अथॉरिटी यातायात नियमों का पालन कर अपनी और दूसरों की जान बचाई जा सकती है। जीवन सबसे महत्वपूर्ण है, यह विचार सफर के दौरान हर समय रहना चाहिए। सड़क सुरक्षा मानकों का पालन करने का मतलब है सफर को 90 फीसद सुरक्षित करना।

-संदीप बत्रा, जिला संयोजक, सड़क सुरक्षा संगठन

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