कुत्ते पकड़ने का टेंडर फाइलों में ही उलझा

नगर निगम को टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के लिए पर्याप्त एजेंसी नहीं मिली जिसके चलते टेंडर प्रक्रिया अटक गई। अब दोबारा से निगम टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत करेगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Nov 2020 05:36 PM (IST) Updated:Thu, 05 Nov 2020 05:36 PM (IST)
कुत्ते पकड़ने का टेंडर फाइलों में ही उलझा
कुत्ते पकड़ने का टेंडर फाइलों में ही उलझा

जागरण संवाददाता, सोनीपत : शहरवासियों की कुत्तों के आतंक से राहत मिलने की उम्मीद फाइलों में उलझ कर रह गई है। दरअसल नगर निगम की ओर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके तहत कुत्तों की नसबंदी करवाना और रेबिज की बीमारी से बचाने के लिए एंटी रैबिज इंजेक्शन लगाए जाने है, लेकिन नगर निगम को टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के लिए पर्याप्त एजेंसी नहीं मिली, जिसके चलते टेंडर प्रक्रिया अटक गई। अब दोबारा से निगम टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत करेगा।

कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने के लिए कुत्तों की नसबंदी पर निगम 31.17 लाख रुपये खर्च करेगा। इससे पहले भी निगम टेंडर लगा चुका है, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते टेंडर प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ पाई थी। अब निगम अधिकारी दोबारा से टेंडर लगाने की तैयारी में है। शहर के हर क्षेत्र में इन दिनों कुत्तों का आतंक चरम पर है, लेकिन जो क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं उनमें माडल टाउन, न्यू कालोनी, कबीरपुर, पंचमनगर, जीवन नगर, तारा नगर, ब्रह्मानगर, नंदवानी नगर, चार मरला, वेस्ट रामनगर, जटवाड़ा, सैनीपुरा, बड़ा बाजार, राज मोहल्ला, सेक्टर-14, सेक्टर-15, सेक्टर-23 सहित कई अन्य क्षेत्रों में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। नसबंदी होने के बाद कुत्तों की संख्या में कमी आएगी। इसके बाद लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। टेंडर प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कई एजेंसी का टेंडर भरना जरूरी होता है। पर्याप्त एजेंसी व ठेकेदार की संख्या न होने की वजह से टेंडर नहीं हो पाया। अब दोबारा से टेंडर लगाया जाएगा।

सुंदर मलिक, सफाई निरीक्षक, नगर निगम।

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