इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई दादी ने बताया कहां सीखी थी तैराकी, वीडियो देखकर अच्छे-अच्छे तैराक भी रह गए थे हैरान

गंगा में 40 फिट से छलांग लगाकर इंटरनेट मीडिया पर छाई दादी दादी ओमवती ने बताया कि उन्होंने गांव के जोहड़ में सींखी थी तैराकी वो सेना के सेवानिवृत सूबेदार राजेंद्र सिंह देशवाल की पत्नी हैं। उनकी तैराकी का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 29 Jun 2022 05:52 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jun 2022 05:52 PM (IST)
इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई दादी ने बताया कहां सीखी थी तैराकी, वीडियो देखकर अच्छे-अच्छे तैराक भी रह गए थे हैरान
हरिद्वार में हर की पैड़ी पर 40 फिट ऊपर से कूदी थी दादी ओमवती। 75 साल है उम्र।

सोनीपत, जागरण संवाददाता। जिले के बंदेपुर की रहने वाली 75 वर्षीय ओमवती इंटरनेट मीडिया पर छाई हुई हैं। वह हरिद्वार में हर की पैड़ी पर 40 फिट की ऊंचाई से गंगा में छलांग रही हैं। उसके बाद बेहद फुर्ती से पानी के तेज बहाव को चीरते हुए वह सकुशल किनारे पर पहुंच जाती हैं। इंटरनेट मीडिया पर लोग दादी के जज्बे और फुर्ती को देखकर हैरान हैं। लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर 75 साल की दादी की फुर्ती और फिटनेस का राज क्या है? देशी खानपान और सामान्य रहन-सहन वाली दादी अभी भी गंगा में छलांग लगाने को तैयार हैं।

शहर क्षेत्र के गांव बंदेपुर की 75 वर्षीय ओमवती एकाएक इंटरनेट मीडिया पर छा गई है। सेना के सेवानिवृत सूबेदार राजेंद्र सिंह देशवाल की पत्नी ओमवती तीन दिन पहले हरिद्वार में गंगा स्नान को गई थीं। वहां पर हर की पैड़ी वाले गंगा घाट पर उन्होंने स्नान किया। स्नान करने से पहले दादी वहां पर लगी रैलिंग के पास सीढ़ियों से चढ़कर पहुंची। उसकी ऊंचाई करीब 40 फिट है। वहां रैलिंग के बराबर से दादी ओमवती ने गंगा में छलांग लगा रही हैं। वह 40 फिट की ऊंचाई से उफनती गंगा की धारा कूदकर खुद को संभालती हैं और किसी नौजवान कुशल तैराक की तरह कूदकर किनारे पर आकर निकलती हैं। किसी ने उनके कूदने और तैरकर बाहर निकलने की वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दी।

नृत्य और तैराकी में पारंगत दादी ओमवती बताती हैं कि उन्होंने बचपन में अपने गांव थाना कला के जोहड़ में तैरना सीखा था।बंदेपुर में शादी हो जाने के बाद भी उन्होंने अपने तैराकी के शौक को जिंदा रखा। कुछ साल पहले एक एक्सीडेंट के बाद उनके घुटने बदले गए थे।तब वह एक साल तक बिस्तर पर रहीं। उसके बाद उन्होंने खानपान और व्यायाम से खुद को फिर फिट बना लिया। वह नांचने, तैरने, छलाग लगाने और दौड़ने में माहिर हैं।ज्यादातर नौजवान भी तैराकी में उनका मुकाबला नहीं कर पाते हैं।दूध-दही और छाछ की शौकीन दादी ओमवती ने बताया कि वह हर हाल में सुबह को चार बजे तक बिस्तर छोड़ देती हैं। उनकी पुत्रवधू वीरवती ने बताया कि फुर्ती में वह दादी का मुकाबला नहीं कर पाते हैं।

सेवानिवृत सूबेदार राजेंद्र सिंह देशवाल (दादी ओमवती के पति) का कहना है कि उम्र बढ़ने के बावजूद ओमवती की स्फुर्ति कम नहीं हुई है। वह जीवनभर खानपान और दिनचर्या को लेकर काफी गंभीर रही हैं। वह अच्छी तैराक हैं। वह दोबारा भी हरिद्वार में उसी स्थान से छलांग लगाने में सक्षम हैं। जब तक अच्छी तैराकी नहीं जाते हों, नदी-नहरों में छलांग नहीं लगानी चाहिए।

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