पुल का निर्माण करने वाले भटक रहे वेतन को

जागरण संवाददाता,सोनीपत : करोड़ों रुपये की लागत से बने पुल को बनाने वाले कर्मचारी वेतन पाने को दर-दर भ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Mar 2017 06:23 PM (IST) Updated:Tue, 28 Mar 2017 06:23 PM (IST)
पुल का निर्माण करने वाले भटक रहे वेतन को
पुल का निर्माण करने वाले भटक रहे वेतन को

जागरण संवाददाता,सोनीपत : करोड़ों रुपये की लागत से बने पुल को बनाने वाले कर्मचारी वेतन पाने को दर-दर भटक रहे हैं। राई-नाहरा-बहादुरगढ़ ओवरब्रिज का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने फरवरी में किया था। कंपनी से वेतन न मिलने पर कर्मचारियों ने मामले की सूचना पुलिस चौकी में दी है। कर्मचारियों का आरोप है कि मुख्यमंत्री की उद्घाटन तिथि के चलते उन्होंने दिन-रात मेहनत कर पुल का निर्माण किया, लेकिन कंपनी ने कर्मचारियों को पांच माह से वेतन नहीं दिया है, जिसके चलते उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कंपनी के कर्मचारियों से तो मकान मालिकों ने कमरे तक खाली करवा लिए हैं। पुल को तैयार करने में दिन-रात एक करने वाले कर्मचारियों ने वेतन नहीं दिए जाने के चलते पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को आत्मदाह करने तक की चेतावनी दी है।

पुलिस के पास भी पहुंचा मामला

कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी के अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहे हैं। कंपनी ने वेतन व दो साल का बोनस रोक रखा है। मामले की शिकायत कर्मचारियों ने बारोटा चौकी पुलिस को भी दी है। कई दिन पहले शिकायत के बाद पुलिस ने जब कंपनी अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की तो उस समय भी फोन नहीं उठाया गया। कंपनी कर्मचारियों ने खुद से धोखाधड़ी होने की बात कही है। बारोटा चौकी प्रभारी रामतीर्थ ने बताया कि कई दिन पहले कुछ कर्मचारी आए थे। उन्होंने कंपनी पर वेतन न देने का आरोप लगाया था, लेकिन इस संबंध में शिकायत नहीं दी गई है।

हर रोज लगा रहे पीडब्ल्यूडी के चक्कर

ओवरब्रिज बनाने का काम दिल्ली की इंफ्रा लिमिटेड कंपनी को दिया गया था। पुल करीब 50 करोड़ की लागत बना है। उद्घाटन से पहले कंपनी उन्हें थोड़ा बहुत गुजारा भत्ता दे जल्द वेतन दिए जाने का आश्वासन दे रही थी, लेकिन उद्घाटन के बाद कंपनी से वो भी देना बंद कर दिया, जिसके चलते उन्हें खाने के भी लाले पड़ गए हैं।

कई कर्मचारियों से खाली कराए मकान

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से वेतन के संबंध में बात करने पहुंचे कर्मचारी कैलाश,मनीष,नीरज, छोटेलाल, जेयस कुमार, व अन्य ने बताया कि कंपनी के कर्मचारी विभिन्न प्रदेशों से हैं। ऐसे में अधिकतर कर्मचारी किराए के मकानों से कमरे में रह रहे है। किराया अदा न करने पर कई कर्मचारियों को तो मकान तक खाली करना पड़ गया है। वहीं एक-दूसरे के पास रह कर दिन गुजार रहे है। कंपनी अधिकारियों से कई बार बात करने पर भी कोई जवाब नहीं मिलता।

उपायुक्त से भी महज आश्वासन ही मिला

कंपनी कर्मचारी मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय भी पहुंचे थे। जहां उपायुक्त को मामले से अवगत कराया गया। जहां भी उन्हें महज आश्वासन ही मिला है। कर्मचारियों का कहना है कि अगर कंपनी वेतन नहीं देती है। तो जल्द उपायुक्त कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल शुरू की जाएगी।

एक माह से बंद पड़ा है बाकी का काम

वेतन न मिलने के चलते कर्मचारियों ने एक माह से काम करना भी बंद कर दिया है। रोड पर बीसी लाइन मॉस्टिक लाइन डाले जाने का काम अधूरा पड़ा है। वही दूसरी तरह मार्ग वाहनों के लिए खुल चुका है। ऐसे में सड़क भी कमजोर रही है। जो आने वाले समय में दिक्कत पैदा करेगी। वहीं सर्विस लाइन का काम अधूरा है। जिसके चलते वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

कंपनी के साथ क्या करार हुआ है, मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं है। कार्यकारी अभियंता ही कुछ बता सकते हैं।

एके गोयल ,अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी

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