पर्यावरण संरक्षण के लिए कृत संकल्पित हैं सुमेरचंद्र

जासं,सोनीपत: पौधरोपण और उनके संरक्षण के लिए समाज सेवी और पर्यावरणविद् सुमेरचंद्र सालों से प्रयासर

By Edited By: Publish:Sun, 22 Jan 2017 10:27 PM (IST) Updated:Sun, 22 Jan 2017 10:27 PM (IST)
पर्यावरण संरक्षण के लिए कृत संकल्पित हैं सुमेरचंद्र
पर्यावरण संरक्षण के लिए कृत संकल्पित हैं सुमेरचंद्र

जासं,सोनीपत: पौधरोपण और उनके संरक्षण के लिए समाज सेवी और पर्यावरणविद् सुमेरचंद्र सालों से प्रयासरत हैं। वह अब तक लाखों पौधे लगा चुके हैं। प्रतिवर्ष नीम और पीपल के पौधे लगाते और उनको संरक्षण करते हैं। सुमेरचंद्र का कहना है कि पौधरोपण के साथ उनका संरक्षण भी किया जाए तो ही पर्यावरण संरक्षण का उद्देश्य पूरा होता है। प्रतिवर्ष जिस संख्या में पौधे रोपे जाते हैं उस हिसाब से उनका संरक्षण नहीं हो पाता है, इस कारण बड़ी संख्या में पौधे विकसित होने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। इस कारण वह पौधरोपण के साथ उनके संरक्षण की भी पूरी जिम्मेदारी निभाते हैं। उनके लगाए हुए हजारों पौधे पेड़ बन कर लोगों फल, फूल और छाया दे रहे हैं। सुमेरचंद्र का मत है कि नीम और पीपल दोनों के ही ऐसे पौधे हैं जिनका हमारे पर्यावरण संरक्षण विशेष योगदान है। वह सुबह प्रतिदिन चार बजे पहुंच कर रोपे गए पौधों का निरीक्षण करते हैं। पर्यावरणविद् और समाज सेवी सुमेरचंद्र का कहना है कि आज हम ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे बढ़ते प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने के लिए पौधरोपण ही एक बेहतरीन विकल्प है। इसको ध्यान में रखते हुए ही हम सभी को पर्यावरण संरक्षण में सहयोग देना चाहिए। सुमेरचंद्र इस अभियान से युवाओं को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी प्रेरणा से कई सामाजिक संगठन आगे भी आए हैं। वह कहते हैं कि नर्सरी में बीज से उनको पौध बनाने के लिए बहुत मेहनत की जाती है। इसमें बहुत लागत और मेहनत लगती है। इसके बाद इस पौधे को रोपने के लिए सौंपा जाता है। पेड़ पौधे भी बच्चों की तरह से होते हैं। जिस तरह से हम एक बच्चा गोद लेते हैं और उसकी देखभाल ताउम्र करते हैं, उसी तरह से पौधों को जब तक वह पेड़ न बन जाएं देखभाल की आवश्यकता होती है।

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