नियमों की अनदेखी लील रही लोगों की ¨जदगी

जासं, सोनीपत : सुरक्षित यातायात उपलब्ध करवाने में लापरवाही काफी हद तक बाधक है। जिस कारण ही ज्यादातर

By Edited By: Publish:Thu, 08 Dec 2016 06:43 PM (IST) Updated:Thu, 08 Dec 2016 06:43 PM (IST)
नियमों की अनदेखी लील रही लोगों की ¨जदगी

जासं, सोनीपत : सुरक्षित यातायात उपलब्ध करवाने में लापरवाही काफी हद तक बाधक है। जिस कारण ही ज्यादातर हादसे होते हैं। अगर व्यक्ति थोड़ी सी सतर्कता बरतें तो वह हादसों को काफी कम कर सकता है। इसके लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। अक्सर देखने में आता है कि दुपहिया वाहन चालक बगैर हेलमेट व ट्रिपल राइ¨डग के कारण हादसे का शिकार होते हैं। इतना ही नहीं सड़क पर गलत पार्किंग भी काफी हद तक हादसों के लिए जिम्मेदार बनती है। इसके साथ ही बगैर सीट बेल्ट भी जीटी रोड पर कई तेज रफ्तार वाहन चालक हादसा होने की स्थिति में जान गंवा रहे हैं। नशा भी लोगों की कीमती जान लील रहा है। खासकर ट्रक चालकों का नशा अन्य वाहन चालकों के लिए भी जानलेवा बन जाता है। इन पर लगाम के लिए पुलिस चालान काटने भर तक सीमित होकर रह गई है। हादसों को रोकने के लिए यातायात नियमों की कड़ाई से पालन करवाया जाना बेहद आवश्यक है। नाबालिग वाहन चालक भी हादसों का कारण बनते हैं। पुलिस नियम तोड़ने वालों के चालान कर उनपर नियंत्रण का प्रयास करती है। पुलिस ने इस वर्ष गलत पार्किग के करीब 16 सौ, बगैर हेलमेट व ट्रिपल राइ¨डग के साढ़े 11 हजार, बगैर सीट बेल्ट के करीब साढ़े चार सौ चालान भी किए हैं।

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हेलमेट का अभाव व ट्रिपल राइ¨डग बन रही मौत का कारण

दुपहिया वाहन चालक बगैर हेलमेट चलना अपना शौक मानते हैं। खासकर युवा वर्ग व महिलाएं तो हेलमेट लगाने से पूरी तरह बचते नजर आते हैं, जिसमें अक्सर हादसे होने की स्थिति में जान जाने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इतना ही नहीं अक्सर दुपहिया वाहनों पर ट्रिपल राइ¨डग का सिलसिला भी नहीं थम पा रहा है। यह लापरवाही अक्सर हादसों का सबब बनती है।

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जीवन पर भारी नशा

नशा जीवन के लिए सबसे बड़ा खतरा है। नशे में व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता काफी क्षीण हो जाती है। इससे नशे में वाहन चला रहा व्यक्ति हादसे का शिकार हो जाता है। वह न केवल स्वयं बल्कि अन्य वाहन चालकों के लिए भी मुसीबत बन जाता है। खासकर ट्रक चालक रात को नशा कर वाहन चलाते हैं। इतना ही नहीं थ्री-व्हीलर चालक भी नशा कर वाहन चलाते हैं। जिससे वे हादसे का कारण बनते हैं।

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नाबालिग वाहन चालक भरते हैं फर्राटा

नाबालिग वाहन चालक भी फर्राटा से दुपहिया वाहन दौड़ाते दिख जाते हैं। जिस कारण ने हादसे का शिकार हो जाते हैं। पुलिस बेशक नाबालिग वाहन चालकों पर शिकंजा कस रही है। उसके बावजूद नाबालिग वाहन चालक सड़क पर दिखाई दे जाते हैं।

सीट बेल्ट का प्रयोग करने में बरतते हैं लापरवाही

कार चालक वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं करते। इससे हादसा होने की स्थिति में वाहन चालक की मौत होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। अगर सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाए जाएं तो हादसा होने पर जान बचने की संभावना बढ़ जाती है।

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सड़क किनारे खड़े वाहन चालक देते हादसों को निमंत्रण

वाहन के खराब होने की स्थिति में चालक सड़क किनारे ही वाहन खड़ा कर चलते बनते हैं। इस दौरान वाहन चालक एहतियाती कदम नहीं उठाते, जिससे अन्य वाहन उनसे टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। साथ ही गलत पार्किग भी लोगों के लिए नुकसानदायक बनती है।

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स्कूल संचालक व अभिभावक निभाएं अपनी जिम्मेदारी : मित्तल

स्कूल संचालक व अभिभावक मिलकर ही बच्चों को वाहन चलाने से रोक सकते हैं। अक्सर देखने में आया है कि स्कूलों में वाहन लेकर आना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। उसके बावजूद कुछ छात्र वाहन लेकर आते हैं।

वीके मित्तल, सहोदय के संयोजक।

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नशा कर वाहन चलाने वालों का हो विरोध : डॉ.संतराम

नशा कर वाहन चलाने वालों का हमें विरोध करना चाहिए। इससे हादसा होने की संभावना कम हो जाती है। इस बारे में पुलिस को सूचित करेंगे तो हादसे काफी हद तक रुक सकते है।

डॉ.संतराम देशवाल, समाज शास्त्री।

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पुलिस चालान के साथ करती है जागरूक

पुलिस हादसों पर नियंत्रण के लिए लगातार प्रयासरत है। लापरवाह वाहन चालकों के चालान कर उन्हें नियमों का उल्लंघन करने से रोकने का प्रयास किया जाता है। इसके साथ ही समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर भी वाहन चालकों को नियमों के पालन के लिए प्रेरित किया जाता है। साथ ही सड़क किनारे खड़े वाहन चालकों के चालान किए जाते हैं। नाबालिग वाहन चालकों पर शिकंजा कसा जा रहा है, जिसका असर भी दिख रहा है।

आर्यन चौधरी, डीएसपी ट्रैफिक।

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