सर्तकता से टल सकता था हादसा

-जीटी रोड पर बिखरे आलू हटाने व डीजल से हुई फिसलन कम करने के प्रयास -कैंटर चालक व दिल्ली का मोटरसा

By Edited By: Publish:Mon, 24 Nov 2014 08:03 PM (IST) Updated:Mon, 24 Nov 2014 08:03 PM (IST)
सर्तकता से टल सकता था हादसा

-जीटी रोड पर बिखरे आलू हटाने व डीजल से हुई फिसलन कम करने के प्रयास

-कैंटर चालक व दिल्ली का मोटरसाइकिल सवार भी हुआ था घायल

जागरण संवाददाता, सोनीपत : जीटी रोड पर कैंटर पलटने के बाद अगर हाइवे प्रशासन व पुलिस सतर्कता बरतती तो शायद सीआरपीएफ के दो जवानों की जिंदगी नहीं जाती। इस हादसे के बाद कार्रवाई नहीं की गई और कुछ समय बाद सीआरपीएफ की जिप्सी हादसे का शिकार हो गई।

जीटी रोड पर मुरथल के पास सोमवार तड़के तीन बजे दिल्ली से पंजाब जा रहे नवांशहर निवासी बलविंद्र का आलू से भरा कैंटर पलट गया। हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत सिविल हास्पिटल में भर्ती करवाया गया, जहां गंभीर हालत के चलते उसे रोहतक पीजीआइ कर दिया गया। उसके बाद दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-8 निवासी सौरभ पानीपत की तरफ जा रहा था तो सड़क पर बिखरे आलू के कारण हादसे का शिकार हो गया। उसे भी पुलिस ने सिविल हास्पिटल में भर्ती करवाया। उसे रोहतक पीजीआइ रेफर कर दिया गया। परिजन उसे दिल्ली ट्रामा सेंटर ले गए। इस हादसे के बाद भी हाइवे प्रशासन व पुलिस की तरफ से सड़क पर बिखरे आलू व डीजल से हुई फिसलन को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।

इसके चलते सोमवार सुबह करीब सात बजे पूर्व सांसद महमूद मदनी की पायलट कर रहे सीआरपीएफ के जवानों की जिप्सी भी हादसे का शिकार हो गई। अगर समय रहते सड़क पर सफाई कर मिट्टी आदि डलवा दिया जाता तो शायद यह हादसा बच सकता था। वहां रिफ्लेक्टर कोन रखने में भी लापरवाही बरती गई।

आखिर पायलट गाड़ी ही क्यों होती है हादसे का शिकार

आखिर पायलट गाड़ी ही हादसे का शिकार क्यों होती है। सोनीपत में सोमवार सुबह हादसे का शिकार हुई पायलट गाड़ी से पहले बीते वर्ष भी कुंडली क्षेत्र में प्रीतमपुरा के पास पंजाब के शिक्षामंत्री की पायलट गाड़ी पलट गई थी। हादसे में पायलट सवार पंजाब पुलिस के दो सिपाहियों की मौत हो गई थी। पिछले दिनों सोनीपत से विधायक एवं कैबिनेट मंत्री कविता जैन की पायलट भी कुरुक्षेत्र के पास हादसे का शिकार हो गई थी।

कहीं तेज रफ्तार तो नहीं बनती हादसे का कारण

अक्सर पायलट गाड़ियों के हादसे का शिकार होने के पीछे तेज रफ्तार भी एक कारण हो सकती है। जब प्रतिष्ठित व्यक्ति की गाड़ी की पायलट की जाती है तो देखने में मिलता है कि पायलट गाड़ी की रफ्तार तेज होती है।

खेवड़ा सीआरपीएफ कैंप की टीम ने दिया सहयोग

सीआरपीएफ के जवानों की पायलट जिप्सी दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलते ही खेवड़ा स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप केंद्र की टीम ने मौके पर पहुंचकर हरसंभव मदद दी। खेवड़ा केंद्र से एक टीम सेंकेंड इन कमांड विजया डुंडियाल व चिकित्सक एनटी मिली के नेतृत्व में पहुंच गई थी। टीम ने निजी हास्पिटल में उपचाराधीन जवानों को मदद उपलब्ध करवाई।

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