रंगारंग कार्यक्रमों के साथ हुआ रिदम का आगाज

फोटो 21, 22, 23 -दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शुरू हुआ रिदम -पांच

By Edited By: Publish:Thu, 30 Oct 2014 05:47 PM (IST) Updated:Thu, 30 Oct 2014 05:47 PM (IST)
रंगारंग कार्यक्रमों के साथ हुआ रिदम का आगाज

फोटो 21, 22, 23

-दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शुरू हुआ रिदम

-पांच ही कालेजों ने लिया रिदम में हिस्सा

जागरण संवाददाता, सोनीपत :

रंगारंग कार्यक्रमों के साथ दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कालेज में बृहस्पतिवार से रिदम का आगाज हो गया। रिदम में शामिल कालेज के विद्यार्थियों ने पहले दिन जमकर धमाल मचाया। मंच पर शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ बालीवुड के गानों पर भी जमकर ठुमके लगाए गए।

रिदम का शुभारंभ महाराजा सूरजमल एजुकेशन सोसायटी के प्रधान एसपी सिंह ने किया। उनके साथ दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर आर पी दहिया, रजिस्ट्रार आर के अरोड़ा मौजूद रहे। इस अवसर पर एसपी सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को पश्चिमी संस्कृति का आनंद तो उठाना चाहिए, लेकिन अपनी संस्कृति को कभी भूलना नहीं चाहिए। अपनी संस्कृति को सहेज कर रखना चाहिए।

आ रे प्रीतम प्यारे के साथ झूम उठे विद्यार्थी:

मंच नंबर एक पर जैसे ही प्रतिभागियों ने राउडी राठौर का गाना आ रे प्रीतम प्यारे गाना पेश किया। मंच के सामने बैठे सभी विद्यार्थी झूमने लगे। प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शकों ने भी इस गाने पर जमकर ठुमके लगाए। इसके बाद एक प्रतिभागी ने गजल ए दिल रुखसत न हो इस महफिल से गाकर पूरी महफिल को ही रूमानी कर दिया।

बालीवुड व गजल के अलावा मंच पर शास्त्रीय संगीत भी सुनने को मिला। शास्त्रीय संगीत जागो मोहन प्यारे गाकर एक विद्यार्थी ने उपस्थित लोगो को आनंदित कर दिया।

सवेरा ने जगाई बच्चों में शिक्षा की अलख:

रिदम में गरीब बच्चों को पढ़ाने वाली संस्था सवेरा की तरफ से भी स्टाल लगाया गया था। जिसमे गु्रप के सदस्यों ने रिदम में आने वाले दूसरे कालेज के विद्यार्थियों से सवेरा से जुड़ने का आह्वान किया। वही उनसे भी गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाने के लिए कहा।

पांच ही कालेजों ने लिया रिदम में भाग :

यूनिवर्सिटी की तरफ से दावा किया जा रहा था कि रिदम में 20 से अधिक कालेज भाग लेंगे, लेकिन पहले दिन केवल पांच कालेज ही भाग लेने के लिए आए। जिसके कारण कुर्सियां मंच के सामने खाली दिखाई पड़ी।

मंच खोजने के लिए इधर-उधर भटकते दिखाई दिए विद्यार्थी :

विश्वविद्यालय में चार मंच बनाए गए थे। हर मंच पर अलग - अलग कार्यक्रम आयोजित होने थे,लेकिन विश्वविद्यालय की तरफ से किसी को भी यह जानकारी नहीं दी गई थी कि वह मंच कहा-कहा पर है। इसके कारण दूसरे कालेज के विद्यार्थी मंच खोजने के लिए इधर-उधर भटकते हुए दिखाई दिए।

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