सेंसर से ली भू गर्भ की जानकारी, दो दिन बाद आएगी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, सिरसा : सरस्वती नदी की खोज के लिए सिरसा के फरवाई कलां गांव में किए जा र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Jan 2018 03:01 AM (IST) Updated:Tue, 16 Jan 2018 03:01 AM (IST)
सेंसर से ली भू गर्भ की जानकारी, दो दिन बाद आएगी रिपोर्ट
सेंसर से ली भू गर्भ की जानकारी, दो दिन बाद आएगी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, सिरसा : सरस्वती नदी की खोज के लिए सिरसा के फरवाई कलां गांव में किए जा रहे बोर का कार्य पत्थर आने के बाद बंद हो गया है। सोमवार को भू गर्भ वैज्ञानिक के नेतृत्व में अंबाला की एक टीम सिरसा पहुंची। टीम ने बोरवेल में सेंसर मशीन लगाकर भूतल के जल संबंधी आंकड़े एकत्रित किए और इन आंकड़ों को जांच के लिए दिल्ली भेज दिया गया है। दिल्ली इन आंकड़ों का विश्लेषण किया जाएगा। लेकिन हरियाणा सरस्वती हेरीटेज बोर्ड ने बोर कार्य को रोक दिया है और यहां अब लैब की रिपोर्ट के बाद ट्यूबवेल लगाए जाने की कार्यवाही की जाएगी।

गत बुधवार से हरियाणा सरस्वती हेरीटेज बोर्ड की ओर से गांव फरवाई कलां में बोर कार्य शुरू किया गया। बोर का कार्य 1080 फुट तक किया गया। 34 मीटर तक लगातार पत्थर आने के कारण मशीन बोर नहीं कर पा रही जिसके चलते रविवार को काम बंद कर दिया गया। बोर्ड के अधिकारियों ने भू गर्भ की जानकारी के लिए बोर को लॉगइन करने का फैसला किया। सोमवार को भू-वैज्ञानिक रिपेश वर्मा के नेतृत्व में टीम यहां पहुंची। सेंसर युक्त मशीन को बोरवेल में लगाया गया और इसके बाद यहां का डाटा एकत्रित किया गया है जो सोमवार को ही दिल्ली की लैब में भेजा गया है। वहां से दो दिन में इसकी रिपोर्ट तैयार होगी।

अब आगे नहीं बढ़ेगा बोर, ट्यूबवेल लगाया जाएगा

बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार जमीन में अधिक दूरी तक पत्थर आने की संभावनाएं हैं इसलिए और अधिक आगे बोर कार्य नहीं किया जाएगा। आसपास में दूसरा बोर नहीं किया जाएगा। जिस स्थान पर बोर किया गया है उस स्थान की लॉग-इन रिपोर्ट बना ली गई है। मिट्टी के सैंपल पहले ही ले लिए गए हैं। यहां अब ट्यूबवेल लगाया जाएगा और ट्यूबवेल लगाए जाने के बाद इसे प्रदेश सरकार को सौंप दिया जाएगा ताकि यहां भू-जल का प्रयोग हो सके।

बोर्ड करवाएगा जोन टेस्ट

सिरसा में जमीन अधिक पत्थरीली आ गई है। इसलिए बोर आगे नहीं बढ़ पाएगा। पानी के अधिक उपयोग और भूजल की वास्तविक स्थिति जिसमें भंडारण और गुणवत्ता शामिल है, की जांच के लिए जोन टेस्ट करवाएंगे। जोन टेस्ट में पूरे क्षेत्र के पानी की स्थिति का पता चल जाएगा यह भी पता चल पाएगा कि जो बोर किया गया है उसमें से कितने फुट तक पानी को बाहर निकाला जा सकता है और जमीन में पानी का भंडारण कितना है। जोन टेस्ट करवाए जाने का फैसला भी कुछ ही दिनों में ले लिया जाएगा।

एसएस चहल,

इंजीनियर, सरस्वती हेरीटेज बोर्ड

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