संवाद के साथ संवेदनशील भी हों शिक्षक : शाद

सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र दिल्ली की ओर से राजकीय वरिष्ठ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Oct 2018 05:02 PM (IST) Updated:Thu, 18 Oct 2018 05:02 PM (IST)
संवाद के साथ संवेदनशील भी हों शिक्षक : शाद
संवाद के साथ संवेदनशील भी हों शिक्षक : शाद

जागरण संवाददाता, सिरसा:

सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र दिल्ली की ओर से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खैरपुर में तीन दिवसीय शिक्षक कार्यशाला आयोजित की गई। प्रधानाचार्या कुलदीप कौर ने कहा कि बच्चों को सक्षम व सफल बनाने के लिए पढ़ाने की शैली को सरल एवं रुचिपूर्ण बनाना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों में बहुत प्रतिभाएं होती हैं लेकिन उसे निखारने का दायित्व प्रतिभावान शिक्षक का होता है। प्रशिक्षक के रूप में आए बूटा ¨सह ने पाठय पुस्तकों के साथ-साथ विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अध्यापक स्वयं भी कर्मठ होना चाहिए तथा संस्कृति, श्रम व वस्तुविनियम के बदलते स्वरूप के अनुसार गतिमान रहना होगा। रंगकर्मी संजीव शाद ने कहा कि शिक्षकों को संवाद के साथ-साथ संवेदनशील होना चाहिए। विद्यार्थी चित्र देखकर पहला सबक सीखता है और शब्द बाद में तय होते हैं इसलिए नाटक तत्व को पाठयक्रम के साथ जोड़ना चाहिए। चित्रकार गिरिजा शंकर ने शिक्षकों को चित्रकला के विभिन्न आयामों व भिन्न भिन्न शैलियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पढ़ाने की शैली में चित्रों को भी महत्व दिया जाना चाहिए।

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