सोनीपत और हिमाचल के ध्यानार्थ: 10 महीने में रकम दोगुनी करने का देते थे झांसा, दो महिला समेत तीन गिरफ्तार

- कंपनी खोलकर लोगों को देते थे रकम दोगुनी करने का झांसा कई आरोपित अभी फरार

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Jul 2022 08:09 PM (IST) Updated:Fri, 29 Jul 2022 08:09 PM (IST)
सोनीपत और हिमाचल के ध्यानार्थ: 10 महीने में रकम दोगुनी करने का देते थे झांसा, दो महिला समेत तीन गिरफ्तार
सोनीपत और हिमाचल के ध्यानार्थ: 10 महीने में रकम दोगुनी करने का देते थे झांसा, दो महिला समेत तीन गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, रोहतक : 10 महीने में रुपये दोगुना करने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले कंपनी के मालिक समेत तीन लोगों को जिला पुलिस की इकोनोमिक सेल ने गिरफ्तार किया है। जिसमें दो महिलाएं भी शामिल है। एक महिला का रिमांड पूरा होने पर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जबकि युवक और दूसरी महिला को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।

इकोनोमिक सेल प्रभारी राजू सिधू ने बताया कि गोहाना के आदर्श नगर निवासी मनीष ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि मनीष की जान पहचान रजनीश नाम के युवक से हुई थी। रजनीश ने मनीष को बताया कि उसने अपने दोस्त वीरेंद्र के साथ मिलकर पैसिफिग माल रोहतक में ग्रोवेस्ट ट्रेडिग कंपनी के नाम से आफिस खोला हुआ है, जो 10 महीने में रुपये दोगुना करते हैं। एक लाख रुपये जमा करने पर हर 15 दिन में 6880 रुपये की किस्त दी जाएगी। मनीष ने उनकी बातों में आकर एक लाख रुपये जमा करा दिए। 15 दिन बाद मनीष को 20 हजार रुपये वापस दे दिए गए। मनीष ने अपनी बहन के 50 हजार रुपये भी कंपनी में लगा दिए। इसके बाद रजनीश व उसके साथ कंपनी बंद कर वहां से फरार हो गए। एसपी के आदेश पर मामले की जांच इकोनोमिक सेल को दी गई। इस तरह ठगते थे लोगों से रकम

इकोनोमिक सेल के मुख्य सिपाही दिनेश अहलावत ने जांच के बाद सोनीपत जिले के कथूरा गांव निवासी रजनीश, गुहना फरमाना निवासी पूनम पत्नी सुरेंद्र और हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के सामती गांव निवासी गीता पुत्री जगतराम को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया कि वर्ष 2020 में रजनीश, वीरेंद्र, पूनम, रणधीर और ईश्वर ने मिलकर यह कंपनी रजिट्रड कराई थी। जिन्होंने चेन सिस्टम के माध्यम से लोगों को लुभावने आफर देकर रुपये जमा कराए। कंपनी की तरफ से बनाए गए एजेंटों को भी मोटी रकम दी जाती थी, जो लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे रुपये ऐठते थे। विश्वास में लेने के लिए कंपनी की तरफ से कुछ ऐजेंटों को गाड़ी भी दिलाई गई थी। आरोपित रजनीश और पूनम कंपनी के मालिक है। आरोपित गीता 2009-10 से नेटवर्किंग का काम जानती है और नेटवर्किंग के काम से ही गीता की दोस्ती पूनम और उसके देवर वीरेंद्र से हुई थी। इनके माध्यम से गीता की पहचान रजनीश से हुई थी। जिसके बाद गीता ने कंपनी ज्वाइन कर ली थी। अभी तक हुई जांच में करीब एक करोड़ से अधिक ठगी का पता चला है।

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